Railway Minister Ashwini Vaishnav attacks Rahul Gandhi on Loco Pilot issue | राहुल गांधी ने दिखाई लोको पायलट की ‘दुर्दशा’ तो अश्विनी वैष्णव बोले
Loco Pilot Row: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि ‘लोको पायलट’ रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं लेकिन विपक्ष उनका मनोबल गिराने के लिए काफी दुष्प्रचार और नाटक कर रहा है. वैष्णव ने ‘एक्स’ पर ट्रेन चालकों की कार्यदशा सुधारने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘लोको पायलट की ड्यूटी के घंटे पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जाती है. यात्राओं (फेरों) के बाद ध्यानपूर्वक उन्हें आराम प्रदान किया जाता है. ड्यूटी के औसत घंटे निर्धारित घंटों (समय सीमा) के अंदर बनाकर रखे जाते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस साल जून महीने में (ड्यूटी की) औसत अवधि आठ घंटे से कम रही. आकस्मिक परिस्थितियों में यात्रा अवधि निर्धारित घंटों से अधिक हो जाती है.’’
लोको पायलट से मिले थे राहुल गांधी, संसद में मुद्दा उठाने का किया वादा
पिछले सप्ताह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘लोको पायलट’ के एक समूह के साथ बैठक की थी. इन ‘लोको पायलट’ ने ‘‘कम कर्मियों की वजह से पर्याप्त आराम नहीं मिलने’’ की शिकायत की थी. राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह संसद में उनके मुद्दे उठायेंगे. वैष्णव के अनुसार ये ‘पायलट’ ‘लोको कैब’ से अपना इंजन (लोकोमोटिव) चलाते हैं और 2014 से पहले ये ‘कैब’ बहुत बुरी दशा में थे.
उन्होंने कहा, ‘‘2014 के बाद ‘आरामदायक सीट’ के साथ इन ‘कैब’ में सुधार किया गया. अभी 7000 से अधिक ‘लोको कैब’ वातानुकूलित हैं. नए इंजन एसी कैब के साथ बनाये जाते हैं.’’ ड्यूटी के बाद सुविधा (केंद्रों) की चर्चा करते हुए रेल मंत्री ने कहा, ‘‘जब पायलट एक फेरा पूरा कर लेते हैं तब वे मुख्यालय से बाहर रहने की स्थिति में आराम करने के लिए रनिंग रूम (एक प्रकार का आराम कक्ष) आते हैं. 2014 से पहले रनिंग रूम बहुत बुरी दशा में थे. अब करीब-करीब सभी (558) रनिंग रूम वातानुकूलित हैं.’’
‘रनिंग रूम मे होते हैं फुट मसाजर, लोको पायलट को मिलती है मसाज’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ रनिंग रूम में ‘फुट मसाजर’ (पैरों की मालिश सबंधी) की सुविधा भी प्रदान की जाती है. संयोग से, कांग्रेस ने लोको पायलट की कार्यदशा को समझे बिना ही इसकी आलोचना कर डाली.’’ उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर बल देते हुए दावा किया कि पिछले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई और 34,000 ‘रनिंग स्टाफ’ (ट्रेन चालक, गार्ड आदि) की भर्ती की गई. वैष्णव ने कहा, ‘‘18000 ‘रनिंग स्टाफ’ के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘फर्जी खबरों के माध्यम से रेलवे परिवार का मनोबल गिराने की चेष्टा सफल नहीं होगी. पूरा रेल परिवार अपने देश की सेवा में एकजुट है.”
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