अंतरिम और आम बजट में क्या है अंतर ? आसान भाषा में यहां समझिए
नई दिल्ली:
मोदी 3.0 सरकार का पूर्ण बजट (Budget 2024) लोकसभा में 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किया जाएगा. इसे वार्षिक बजट, आम बजट या केंद्रीय बजट भी कहा जाता है. लोकसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री ने 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) पेश किया था. पूर्ण बजट और अंतरिम बजट (Union Budget and Interim Budget) दोनों ही भारत सरकार के वित्तीय रोडमैप का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
हालांकि, अक्सर लोग बजट शब्द सुनकर इन दोनों में अंतर नहीं समझ पाते हैं. यहां हम आपको पूर्ण बजट और अंतरिम बजट के बीच के अंतर को आसान शब्दों में बताने जा रहे हैं. आइए इसका अंतर समझते हैं.
पूर्ण बजट और अंतरिम बजट में अंतर (Union budget vs Interim budget)
1. पेश:
पूर्ण बजट: इसे हर साल 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाता है.
अंतरिम बजट: चुनावों से पहले मौजूदा सरकार द्वारा पेश किया जाता है.
2. चर्चा:
पूर्ण बजट: इस पर लोकसभा में विस्तृत चर्चा होती है और इसे पारित किया जाता है.
अंतरिम बजट: इसे बिना किसी चर्चा के ही पारित कर दिया जाता है.
3. नीतियां और योजनाएं:
पूर्ण बजट: इसमें नई योजनाओं और नीतियों की घोषणा की जाती है.
अंतरिम बजट: इसमें नई योजनाओं या नीतियों की घोषणा नहीं होती है.
4. धन आवंटन:
पूर्ण बजट: इसमें सरकार के पूरे वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए धन का आवंटन किया जाता है.
अंतरिम बजट: इसमें अगले चुनाव तक सरकार के 3-4 महीने के खर्चों को पूरा करने के लिए धन आवंटित किया जाता है.
5. आय का विवरण:
पूर्ण बजट: इसमें सरकार के आय के सभी स्रोतों का विस्तृत विवरण होता है.
अंतरिम बजट: इसमें सरकार के आय के सभी स्रोतों का विवरण नहीं होता है.
निष्कर्ष:
पूर्ण बजट: सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं और आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाता है.
अंतरिम बजट: अगले चुनाव तक सरकार के कामकाज को जारी रखने के लिए धन मुहैया कराता है.