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Atiq-Ahraf Murder Case Why Shooters Narco And Polygraph Tests Not Done


Atiq-Ahraf Murder Case: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या मामले को साढ़े तीन महीने का समय हो चुका हैं. जिसके बाद अब यूपी एसआईटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है. ये मामला पुलिस कस्टडी के भीतर अतीक-अशरफ की हत्या से जुड़ा है. खबरों के मुताबिक एक-दो दिन में एसआईटी जिला जज की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर देगी. खबरों के मुताबिक चार्जशीट में मौका ए वारदात से पकड़े गए आरोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य का ही जिक्र है किसी और का नाम इसमें शामिल नहीं है. 

अतीक-अशरफ की हत्या का मामला बेहद हाई प्रोफाइल होने की वजह से इस केस पर तमाम लोगों की नजरें बनी हुई है. तीनों आरोपियों से अब तक पुलिस सात बार पूछताछ कर चुकी है. ये पूछताछ प्रयागराज की नैनी जेल और प्रतापगढ़ की जेल में जाकर की गई, लेकिन अब तक की पूछताछ में तीनों शूटर अपने बयान पर कायम है. किसी ने भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, जिससे कोई विरोधाभास सामने आता हो. कई बार लोगों ने इनके नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर भी सवाल उठाए, कहा जा रहा है कि अगर जांच तीन लोगों से आगे नहीं बढ़ी तो उनका नार्को या पॉलीग्राफ क्यों नहीं कराया गया है. 

तीनों आरोपियों के 7 बार बयान हुए दर्ज

एसआईटी की चार्जशीट में कहा गया है कि अब तक लवलेश, अरुण और सनी तीनों आरोपियों के सात बार बयान दर्ज हो चुके हैं. उनके बयानों में कोई विरोधाभास नहीं आया है. इनके बयानों की भी हर एंगल से तस्दीक की गई है. एसआईटी की टीम ने इनसे अतीक-अशरफ की हत्या की वजह, उनके रुकने के ठिकाने, होटल, बरामद हुई विदेशी पिस्टल को लेकर सवाल किए. इसके साथ ही ये पूछा गया कि वो मीडिया कर्मी ही क्यों बनकर आए थे और उनके पास आई कार्ड कहां से आए. इन सभी सवालों पर शूटरों के बयान और उनकी तस्दीक में कोई विरोधाभास नहीं मिला.

इसलिए नहीं हुआ नार्को टेस्ट

तीनों शूटरों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर एसआईटी का कहना है कि अगर किसी मामले में आरोपी कुछ छिपाने की कोशिश करता है या बयानों में बार-बार विरोधाभास आता है तो ही इस तरह के टेस्ट की जरुरत होती है.

आपको बता दें कि इसी साल 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब उन्हें मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल लाया गया गया था. तीनों शूटर मीडियाकर्मी बनकर वहां पहुंचे थे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस मामले पर सियासत भी देखने को मिली थी. 

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