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Jamiat Ulama i Hind will pass resolutions on Uniform Civil Code Hindu culture including surya Namaskar and Muslims reservations


Jamiat Ulama-I-Hind: देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की दो दिवसीय आम परिषद की बैठक हो रही है. ये बैठक नई दिल्ली के आईटीओ स्थित जमीयत मुख्यालय में हो रही है. इस बैठक में जमीयत संगठन समान नागरिक संहिता, सूर्य नमस्कार सहित स्कूलों में हिंदू संस्कृति को लागू करने और मुसलमानों के लिए आरक्षण पर प्रस्ताव पारित करेगी.

वहीं, इन प्रस्तावों को आखिरी दिन, 5 जुलाई, 2024 को अंतिम सत्र में अंतिम रूप दिया जाएगा, जोकि सुबह 8 बजे शुरू होगा और 11:30 बजे कार्यक्रम का समापन होगा. जमीयत उलेमा-ए-हिंद का मीडियाकर्मियों से अनुरोध है कि वे इस कार्यक्रम को कवर करें और इस मौके पर उपस्थित रहें.

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने फिलिस्तीन पर जताई चिंता

दरअसल, आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक आज सुबह नई दिल्ली स्थित इसके मुख्यालय में शुरू हुई, जिसमें देश भर से करीब 1500 सदस्य शामिल हुए. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पहले सत्र में भारत में बढ़ते नफरत भरे अभियानों और इस्लामोफोबिया, फिलिस्तीन में इजरायली सरकार के किए जा रहे नरसंहार पर चर्चा की गई, जिसके बाद कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

हालांकि, आने वाले सत्रों में कई राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें इस्लामी मदरसों के खिलाफ नकारात्मक प्रचार और स्कूलों में मुस्लिम बच्चों पर गैर-इस्लामी प्रथाओं और हिंदू संस्कृति को थोपना शामिल है.

आबादी के बड़े हिस्से को निशाना बनाना राष्ट्रीय हित के खिलाफ

इस बीच मौलाना जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि देश नफरत पर नहीं बल्कि प्रेम और एकता पर पनप सकता है. उन्होंने भीड़ की ओर से हत्या की बढ़ती घटनाओं और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दुष्प्रचार के प्रसार की निंदा की. साथ ही कहा कि इसे देश के ताने-बाने और इसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक होगी.

गुमराह करने वाली ताकतों के खिलाफ रहें सतर्क- मौलाना मदनी

मौलाना मदनी ने युवाओं से गुमराह करने वाली ताकतों के खिलाफ सतर्क रहने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि निहित स्वार्थी तत्व निराशा और निराशा फैलाने के लिए उनकी भावनाओं का फायदा उठा सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों की चिंताजनक बयानबाजी पर चिंता जताई, जिसमें ज्यादा बच्चा पैदा करते हैं” और “घुसपैठिए” जैसे बयान शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आबादी के इतने बड़े हिस्से को निशाना बनाना राष्ट्रीय हित के खिलाफ है.

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