Hathras Stampede What is Narayan Sakar Vishwa Hari Bhole Baba real caste Know details | Hathras Stampede: असल नाम था
पुलिस ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि कासगंज के पटियाली थाना क्षेत्र के बहादुर नगर के निवासी ‘भोले बाबा’ का असली नाम सूरजपाल (70 साल) है.
अनुसूचित जाति (एससी) के सूरज पाल ने करीब दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी. उन्होंने इसके बाद आध्यात्म का रुख किया और ‘भोले बाबा’ बने.
पटियाली के सीओ ने बताया कि ‘भोले बाबा’ के रूप में ख्याति पाने वाले सूरज पाल ने बहादुर नगर की अपनी संपत्ति को ट्रस्ट बनाकर “केयर टेकर” नियुक्त किया.
सूरज पाल तीन भाई हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है. उनकी शादी हो चुकी है. हालांकि, कोई संतान नहीं है पर वह पत्नी को सत्संगों में साथ लेकर जाते रहे हैं.
जानकारों की ओर से पीटीआई को बताया गया कि ‘भोले बाबा’ प्रवचन देते हैं. सिक्योरिटी के लिए वह ‘वालंटियर’ रखते हैं, जो उनके सत्संग की व्यवस्था संभालते हैं.
70 साल के सूरज पाल उर्फ नारायण हरि अब भगवा रंग के कपड़े नहीं पहनते हैं. वह आमतौर पर सफेद सूट-टाई या फिर कुर्ता-पायजामा पहनना पसंद करते हैं.
‘भोले बाबा’ का दावा रहा है कि प्रवचनों के दौरान भक्तों की ओर से जो भी दान आता है, उसमें से वे कुछ भी नहीं रखते हैं. वे उसे भक्तों पर ही खर्च कर देते हैं.
हादसा तब हुआ जब सत्संग के बाद भक्त बाबा के पैर छूने जा रहे थे. भगदड़ के दौरान जान गंवाने वाले 116 लोगों में सात बच्चे, एक पुरुष और बाकी महिलाएं थीं.
Published at : 03 Jul 2024 07:03 AM (IST)