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Hathras Satsang Stampede Former DGP Vikram Singh On Bhole Baba Satsang and Police Administration


Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के अंतर्गत आने वाले सिकंदराराऊ में मंगलवार (02 जुलाई) को एक धार्मिक समागम के दौरान भगदड़ मच गई. जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए. फिलहाल 116 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है. हादसे को लेकर आयोजकों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पुलिस प्रसाशन को समागम में भीड़ के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई.

एबीपी न्यूज से बात करते हुए पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा, “मामले में भयानक स्थानीय प्रशासन की चूक है. इस तरह के मामले में इससे पहले ऐसी चूक नहीं देखी. आयोजकों ने दरख्वास्त दी थी कि अनगिनत लोग आएंगे. ये अनगिनत क्या होता है? क्या दर्शनशास्त्र पढ़ा रहे हैं. उनको चाहिए था कि बताएं कि कितने लोग आ रहे हैं. इसके तहत उन्हें सुरक्षा व्यवस्था दी जाती. जिसमें महिला पुलिस होमगार्ड पुलिस और तमाम तरह के लोगों की ड्यूटी लगाई जाती.”

विक्रम सिंह ने क्यों उठाए सवाल?

उन्होंने आगे कहा, “कहा गया कि अंदर की व्यवस्था सेवादार करेंगे और इन्हीं सेवादारों ने बेड़ा गर्क कर दिया. इस तरह के मामलों में स्पीकिंग ऑर्डर दिया जाता है जो नहीं दिया गया. जो पुलिस बल का खर्चा होता है वो उनसे वसूला जाता है वो भी नहीं दिया गया. इन महाराज जी के ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं. एक तो यौन शोषण का भी है. जब वेरिफिकेशन होता है तो आपराधिक इतिहास भी चेक किया जाता है. ऐसे में प्रशासन को आयोजन की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए थी.”

यशोवर्धन आजाद ने भी उठाए आयोजकों पर सवाल

वहीं, आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर यशोवर्धन आजाद ने कहा, “इस हादसे के पीछे सबसे ज्यादा गलती सत्संग कराने वालों की है. जितने ये बाबा हैं और इनके बड़े-बड़े आश्रम हैं. उनकी पूरी तरह से जिम्मेवारी है कि सभी अंदर और बाहर की व्यवस्था देखें और पुलिस प्रशासन का काम ये है कि रोड पर ट्रैफिक और बाकी की व्यवस्था देखे. हादसे की खबर आने पर प्रशासन को पूरी ताकत के साथ मौके पर पहुंचना चाहिए. बाबा जब जा रहे थे तो सेवादारों ने पहले बाबा को जाने दिया और उसके बाद भगदड़ मची.”

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