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Bastar Corruption Case Arrest warrant Issue 8 Former Sarpanch Secretary Development Funds ANN


Bastar News Today: पिछड़ा और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर में आखिरी व्यक्ति तक विकास कार्य पहुंचाने के लिए ग्राम पंचायतों को लाखों रुपए की स्वीकृति दी जाती है.

इसके उलट पंचायत में बैठे जिम्मेदार सरपंच-सचिव बिना कुछ कराए शासन के लाखों रुपये डकार लेते हैं. ऐसे ही एक मामले में कुछ दिन पहले बस्तर जिले के भानपुरी पंचायत की सरपंच को लाखों रुपये गबन करने के आरोप में जेल भेजा गया है.

सरपंच ने सरकारी पैसे का गबन करते हुए करीब 55 लाख रुपये को डकार लिये थे. एक बार फिर से 8 पूर्व सरपंच और सचिवों के खिलाफ बस्तर जिला प्रशासन ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. 

इन सरपंच और सचिवों से 48 लाख 33 हजार 750 रुपये की रिकवरी की जानी है. यह कार्रवाई न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बस्तर के जरिये की गई है. सभी के खिलाफ आरपीसी प्रकरण के तहत आदेश जारी किया गया है.

भ्रष्टाचार पर जिला कलेक्टर ने क्या कहा?
इस मामले में बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि ग्रामीण पंचायत विकास विभाग के द्वारा समय-समय पर पंचायतों में विकास कार्य के लिए फंड जारी किया जाता है. इसकी समय- समय पर मॉनिटरिंग भी की जाती है. 

बस्तर कलेक्टर के मुताबिक, इन मामलों में पाया गया कि पंचायत से राशि आहरण तो कर ली जाती है, लेकिन ना निर्माण कार्य शुरू किए जाते है. अगर काम को शुरू भी करते हैं तो पूरा नहीं किया जाता है. 

उन्होंने बताया कि जिन पंचायतो में इस तरह के भ्रष्टाचार किए गए हैं बाकायदा एसडीएम के माध्यम से इसकी जानकारी भी कलेक्टर को दी गयी है और प्रकरण भी दर्ज किया गया है. वारंट जारी होने से पहले कुछ लोगों ने डकारी हुई राशि भी जमा कर दी. 

सरपंच को 55 लाख के गबन में जेल
कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि अभी भी काफी लोगों ने राशि नहीं जमा की है. इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करते हुए उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिनका पंचायतों में काम के प्रति उदासीन भाव रहा है और जिन्होंने शासन के पैसों का नुकसान पहुंचाया है.

कार्रवाई को लेकर बस्तर कलेक्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार के दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में 55 लाख रुपये के गबन के मामले में भानपुरी सरपंच को जेल भेजा गया है. बस्तर जिले के सभी पंचायतों में विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है.

इन सरपंच- सचिव से की जानी है वसूली
जानकारी के मुताबिक, जिन पंचायतो के सरपंच- सचिव के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उसमें ग्राम पंचायत बाकेल के पूर्व सरपंच सुनीता मौर्य पर एक लाख 50 हजार रुपये, पूर्व सरपंच जयत्री बघेल पर 19 लाख 16 हजार 575 रुपये और बाकेल के पूर्व सचिव साधुराम मौर्य से 19 लाख 16 हजार 575 रुपये वसूली की जानी है.

इसी तरह ग्राम पंचायत चपका के पूर्व सचिव पनकू राम से अलग-अलग वित्तीय वर्ष का मिलाकर कुल 2 लाख 90 हजार 600 रुपये की वसूली की जानी है.

ग्राम पंचायत बनियागांव के पूर्व सरपंच बालोबाई से 1 लाख 50 हजार और पूर्व सचिव मनबोध बघेल से भी 1 लाख 50 हजार की वसूली की जानी है. 

ग्राम पंचायत कुम्हली के पूर्व सरपंच टीकम कश्यप से 1 लाख 50 हजार रुपये और पूर्व सचिव राजेश कश्यप से 1 लाख 50 हजार रुपये की वसूली की जानी है. 

ग्राम पंचायत इच्छापुर के पूर्व सरपंच जदूराम कुंजाम से 35 हजार और ग्राम पंचायत रेटावंड के पूर्व सरपंच हरिराम बघेल से 75 हजार रुपये की वसूली बाकी है. अन्य दो पंचायत के पूर्व सरपंच- सचिव से भी लाखों रुपए की रिकवरी की जानी है.

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