National Akali Dal protest against irregularities in electricity meters Paramjit Singh Pamma ann
National Akali Dal Protest: नेशनल अकाली दल ने आज बिजली कंपनियों पर बिलों में धांधली, मनमाने दरों और टैक्सों द्वारा उपभोक्ताओं से खुली लूट का आरोप लगाते हुए जंतर-मंतर पर बिजली कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बिजली कंपनियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्होंने अपने हाथों में बिजली कंपनियों की मनमानी बंद करने, बिजली के बिलों को जीएसटी से मुक्त करने संबंधी तख्तियां एवं बैनर भी ले रखे थे.
पार्टी के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा के नेतृत्व में दलजीत सिंह चग्गर, रूप सिंह गुसाईं, रश्मीत कौर बिंद्रा, सुनीता अरोड़ा, रूबी जिंदल, भूपेंद्र कपूर, सुखदेव सिंह. प्रीति गुप्ता सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
उपभोक्ताओं के पास हो डिस्कॉम के चुनाव का विकल्प
इस दौरान नेशनल अकाली दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने मांग करते हुए कहा कि, केन्द्र सरकार से ऐसी व्यवस्था करने की जिससे उपभोक्ताओं को मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर बिजली कंपनियों को भी चुनने का अवसर मिले. इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं को फायदा होगा.
परमजीत सिंह पम्मा के नेतृत्व में केन्द्रीय सरकार के बिजली मंत्री को एक ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई की मांग की गई. पम्मा ने सरकार से कहा कि ऐसी स्कीम की घोषणा करें जिससे टेलीफोन, मोबाइल प्रदाता कंपनियों की तरह बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को चुनने का विकल्प होना चाहिए जिससे बिजली कंपनियों की मनमानी रुक सके.
प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
पम्मा ने कहा पहले मोबाइल कंपनियां को आउटगोइंग कॉल्स के लिए जहां 16 रुपए प्रति मिनट की दर से चुकाने होते थे, वहीं इनकमिंग कॉल के लिए 8 रुपए तक चुकाने होते होते थे. मगर अब ज्यादा कंपनियां होने के कारण आपसी कम्पटीशन इतना बढ़ गया है कि कंपनियां सस्ती से सस्ती स्कीम लाकर ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिए लगे हुए हैं. इसी प्रकार बिजली कंपनियां में भी अन्य कंपनियां आ जाएगी तो ग्राहकों को सस्ती और बढ़िया सर्विस मिलेगी.
हजारों रुपये के बिल वसूल रही बिजली कंपनियां
पम्मा ने कहा केंद्र सरकार ने इसका आश्वासन दिया था कि बिजली कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि उपभोक्ता अपनी इच्छा अनुसार बिजली कंपनी चुनने का अधिकार मिल सके. ऐसी व्यवस्था लागू होने से उपभोक्ताओं को हजारों रुपये के बालों से छुटकारा मिलेगा. उनका आरोप है कि, बिजली कंपनियां विभिन्न प्रकार के टैक्स लगा कर उपभोक्ताओं से हजारों रुपये के बिल वसूल रही है और सरकार आंखे मूंदे बैठी है. आम लोग इन बढ़े हुए बिलों से त्राहि-त्राहि कर रही है. जिसे देखते हुए आम लोगों के राहत के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.
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