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सेफ्टी ऑडिट, वॉर रूम और IIT टीम… दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 जैसे हादसों से निपटने के लिए सरकार ने बनाया ऐसा प्लान




नई दिल्ली:

दिल्ली में गुरुवार-शुक्रवार को 24 घंटे के दौरान हुई भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. तेज बारिश के बीच इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (दिल्ली एयरपोर्ट) के टर्मिनल-1 पर पार्किंग की छत ढह गई. इस हादसे के बाद सरकार एक्शन मोड में है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (सिविल एविएशन मिनिस्ट्री) ने दिल्ली एयरपोर्ट के साथ ही देश के सभी एयरपोर्टों का सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने देश के सभी छोटे बड़े एयरपोर्ट की सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट मांगी है.

NDTV से खास इंटरव्यू में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा, “हम उन उपायों पर काम कर रहे हैं, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे हादसे दोबारा न हो. यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सहूलियत हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.”

गाड़ियों की लंबी लाइन और ढही दीवार
दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के अधिकारियों ने बताया, “एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर सुबह करीब 5:30 बजे डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए पार्किंग एरिया में सुबह गाड़ियों की लंबी लाइन लगी थी. इसी दौरान पार्किंग की छत ढह गई. इससे छत का भारी-भरकम एक हिस्सा और लोहे के तीन सपोर्ट बीम भी गाड़ियों पर गिर गए. हादसे में एक कैब ड्राइबर की मौत हो गई. 8 लोग घायल हुए हैं. कई गाड़ियां भी दब गई हैं. घायलों का इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा है.

टर्मिनल-1 पर सभी ऑपरेशन बंद
हादसे के बाद टर्मिनल-1 पर अगले आदेश तक सभी ऑपरेशन बंद कर दिए गए हैं. इस टर्मिनल से इंडिगो और स्पाइसजेट दो एयरलाइंस ही फ्लाइट ऑपरेट करती हैं. हादसे के बाद दोनों एयरलाइंस ने अपनी कुछ फ्लाइट कैंसिल कर दी हैं. जबकि कई फ्लाइट को टर्मिनल 2 और 3 पर शिफ्ट कर दिया गया है.

केंद्रीय मंत्री ने एयरपोर्ट पर लिया हालात का जायजा
घटना के बाद केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने एयरपोर्ट पहुंचकर हालात का जायजा लिया. उन्होंने मेदांता अस्पताल जाकर घायलों का भी हाल-चाल लिया. केंद्रीय मंत्री नायडू ने बताया कि घटनास्थल पर रेस्क्यू टीमें काम कर रही हैं. हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने मृतक के परिजनों को 20 लाख और घायलों को 3-3 लाख रुपये मुआवजा देने का भी ऐलान किया. 

यात्रियों को पूरा पैसा रिफंड करने के आदेश
नागरिक उड्डयन मंत्री ने टर्मिनल-1 बंद हो जाने से परेशान यात्रियों को पूरा पैसा रिफंड करने के आदेश दिए हैं. इससे पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयरलाइन कंपनियों से कहा था कि वे यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था करें या फिर नियमों के तहत पूरा पैसा वापस करें.

इस हादसे के बाद सरकार ने कई प्रभावी कदम भी उठाए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके:-

वॉर रूम
इस हादसे के बाद केंद्रीय मंत्री ने नागरिक उड्डयन सचिव, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. नायडू ने कहा, “हमने 24X7 वॉर रूम बनाया है. ताकि यात्रियों को मदद मिल सके. टर्मिनल 1 से जिन यात्रियों की फ्लाइट कैंसिल हुई है, उन्हें 7 दिनों के अंदर रिफंड किया जाएगा या दूसरी फ्लाइट का ऑप्शन दिया जाएगा. हमने जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी दिए हैं.” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सभी एयरलाइन कंपनियों को सलाह दी गई है कि वो दिल्ली आने-जाने वाले रूट पर फ्लाइट का किराया नहीं बढ़ाए. टर्मिनल-1 की छत क्यों गिरी, इसका पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं.” 

IIT टीम
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “IIT की एक स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग टीम को जांच के लिए दिल्ली बुलाया गया है. ऐसी ही एक टीम जबलपुर भी भेजी जा रही है. हम देश के करीब 157 एयरपोर्ट का स्ट्रक्चरल इंस्पेक्शन करवाएंगे. मैंने 5 दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट मांगी है.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं यह विश्वास दिलाना चाहता था कि सरकार आपके लिए है. मंत्रालय आपके लिए है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय आपका मंत्रालय है. हमें आपकी परवाह है. हम आपकी बात सुन रहे हैं. हमारी तत्काल प्राथमिकता टर्मिनल से सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालना था. पीएम नरेंद्र मोदी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. उन्होंने हमें पूरा समर्थन का आश्वासन दिया है.”

कांग्रेस के आरोपों का दिया जवाब
हादसे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इस बीच राम मोहन नायडू ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने दावा किया कि टर्मिनल-1 का जो हिस्सा गिरा है, उसका 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार में निर्माण और उद्घाटन किया गया था.

 




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