president droupadi murmu abhibhashan address government plan regarding CAA
President Joint Sitting Address: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं को संसद के सामने रखा. इस दौरान उन्होंने 18वीं लोकसभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बधाई दी.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CAA कानून का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है
CAA कानून को लेकर कही ये बात
CAA कानून को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है. इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है. जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है। जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं।” pic.twitter.com/17MhH9ZKK6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 27, 2024
‘खरीफ फसलों के लिए MSP में हुई रिकार्ड’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है. मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है. आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है.
उन्होंने आगे कहा, “आने वाला समय ग्रीन एरा यानि हरित युग का है. सरकार इसके लिए भी हर ज़रूरी कदम उठा रही है. हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे ग्रीन जॉब भी बढ़े हैं.”
यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव के सांसद ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी में क्या लिख दिया? ये किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं