News

Is there conflict between Akhilesh Yadav and Rahul Gandhi Said BJP Opposition Alliance Lok Sabha Fear Of Breakdown


Sambit Patra Press Conference: आपातकाल के प्रस्ताव पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव की राहें जुदा-जुदा नजर आईं. जहां एक ओर आपातकाल के प्रस्ताव पर कांग्रेस के सांसद वेल में आ गए. वहीं, विपक्षी दलों के कई नेता अपनी सीट पर बैठे रहे. इसे लेकर ही अब बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.

बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने बुधवार (26 जून) को अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच बिखराव को लेकर कहा कि आज जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पेश किया, वैसे ही कांग्रेस के सांसद विरोध में सदन के वेल में पहुंच गए, लेकिन समाजवादी पार्टी के सांसद बैठे रहे. राहुल गांधी इस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या करें. 

बीजेपी प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आज 26 जून है, आज जब 18वीं लोकसभा चल रही थी और नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल के दौरान जो-जो बाधाएं थीं, उन सभी दिक्कतों को उजागर किया. संबित पात्रा ने कहा कि आज से 50 साल पहले जब प्रात:काल भारत के प्रत्येक नागरिक को मालूम पड़ा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया है. उन्होंने बताया कि कैसे मीसा कानून में परिवर्तन करके प्राकृतिक न्याय को बाधित किया गया था.

राहुल गांधी इस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या करें- संबित पात्रा

बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने आगे कहा कि 1 लाख 40 हजार लोगों को जेल में डाला गया था. लगभग 22 कस्टोडियल डेथ हुई थीं. उन्होंने कहा कि जैसे ही ओम बिरला आपातकाल पर निंदा प्रस्ताव रखते हैं, वैसे ही कांग्रेस के लोग खड़े हो जाते हैं और हो-हल्ला करने लगते हैं कि ये अलोकतांत्रिक है, कौन सी इमरजेंसी. कांग्रेस के लोग भाग रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी के लोग बैठे हुए थे. ऐसे में राहुल गांधी उठें या न उठें, चिल्लाएं या न चिल्लाएं, वो एक बार अखिलेश को देखें और एक बार अपने लोगों को देखें.

 

आप अन्यायी होते हैं और न्यायवान दिखने की करते हैं कोशिश- BJP

संबित पात्रा ने कहा कि ये परिस्थिति तब होती है, जब आप अन्यायी होते हैं और न्यायवान दिखने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संविधान की प्रति खरीद कर लाकर हाथ में पकड़ने से संविधान नहीं बचता. संविधान की प्रति के प्रति हृदय में सम्मान होने से संविधान बचता है.

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Policy Case: ‘अरविंद केजरीवाल ने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाला’, दिल्ली शराब नीति केस में CBI का कोर्ट में दावा





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *