क्या था 48 घंटे वाला ED का वह आखिरी दांव जो नहीं चला, क्या आज केजरीवाल को बाहर आने से रोक पाएगी?
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को नियमित जमानत मिल गई है. लेकिन ईडी उनकी जमानत का विरोध कर रही है. केजरीवाल की जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली हाई कोर्ट (ED In Delhi High Court) पहुंच गया है. राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को ईडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. अदालत ने दिल्ली सीएम को 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है और आज वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं. लेकिन ईडी नहीं चाहती कि वह जेल से बाहर आएं. उनके जेल से बाहर आने से पहले ही ईडी ने हाई कोर्ट का रुख किया है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने जब केजरीवाल को बेल दी तो ईडी ने इसका विरोध करते हुए 48 घंटे का समय मांगा था. लेकिन अदालत ने ईडी की इस दलील को खारिज कर दिया था. लेकिन अब ईडी हाई कोर्ट पहुंच गई है.
प्रवर्तन निदेशालय अदालत से केजरीवाल की जमानत वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी एसवी राजू ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश अभी तक अपलोड नहीं किया गया है और स्थितियों का भी पता नहीं है. अब तक आदेश की कॉपी नहीं मिली है. उन्होंने कहा है कि जांच एजेंसी को जमानत याचिका का विरोध करने का पूरा मौका नहीं दिया गया है. उन्होंने हाई कोर्ट से अपील की है कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए और मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए.
Delhi excise policy case | ASG SV Raju representing ED tells Delhi High Court that the trial court order has not yet been uploaded and conditions unknown.
ASG Raju informs Delhi HC that the probe agency has not been given full opportunity to oppose the bail application of Delhi…
— ANI (@ANI) June 21, 2024
केजरीवाल को किन शर्तों के साथ मिली जमानत
पहली शर्त– वह गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे.
दूसरी शर्त– केजरीवाल जांच में बाधा नहीं डालेंगे.
तीसरी शर्त– जरूरत पड़ने पर दिल्ली सीएम जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
केजरीवाल की जमानत पर जश्न
केजरीवाल को गुरुवार जब जमानत मिली तो आम आदमी पार्टी ने अदालत के फैसले को सत्य की जीत कहा. केजरीवाल को जमानत मिलने की खबर के बाद मुख्यमंत्री आवास और पार्टी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया गया और आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े.
क्या है ED का दावा?
प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि उसके पास शराब नीति मामले में दिल्ली सीएम के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुड़े सबूत हैं. ईडी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने इस रकम का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया था. ईडी का कहा है कि साउथ ग्रुप से ली गई रिश्वत की भी जानकारी उनके पास है. ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल ने अपने फोन का पासवर्ड देने से इनकार कर दिया है. वहीं केजरीवाल के वकील का कहना है कि 100 करोड़ रुपए साउथ ग्रुप से लेने का कोई भी सबूत नहीं है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने खत्म हो चुकी नई आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए उनको 9 बार समन भी भेजे, लेकिन सीएम केजरीवाल ने हर एक समन को नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद उनको अरेस्ट कर लिया गया था. बता दें कि सीएम पद पर रहते जेल जाने वाले पह पहले नेता हैं. लोकसभा चुनाव के बीच अदालत ने उनको 21 दिन के लिए जमानत दी थी. वहीं, चुनाव खत्म होते ही 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा. लेकिन अब उन्हें 18 दिन बाद नियमित जमानत मिल गई है.