Himachal CM Sukhvinder Singh Sukhu addressed rally of Congress Candidate Hardeep Singh Baba in Nalagarh ANN
Himachal Pradesh Assembly By Election 2024: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व निर्दलीय विधायकों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने तीनों निर्दलीय विधायकों को खरीद लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नालागढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप सिंह बावा की नामांकन रैली को संबोधित करते हुए तीनों पूर्व निर्दलीय विधायकों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि तीनों पूर्व निर्दलीय विधायक बीजेपी के गुलाम हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, “ईमान बेचने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया. खुद को बीजेपी की राजनीतिक मंडी में बेचा न होता, तो निर्दलीय विधायक पद से इस्तीफा क्यों देते. उन्होंने पैसा लिया है, इसलिए बीजेपी के सामने घुटने टेकने को पूर्व निर्दलीय विधायक मजबूर हैं.”
‘तीनों सीटें जीतकर कांग्रेस पार करेगी 40 का आंकड़ा’
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर फिर आकर झूठ बोलेंगे, लेकिन प्रदेश में उनकी सरकार बनने वाली नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा, ”कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 38 हो चुकी है. उपचुनाव की तीनों सीटें जीतकर कांग्रेस 40 का आंकड़ा पार करेगी. बीजेपी का झूठ और फरेब चलने वाला नहीं है.
कांग्रेस ने बिकने वाले को नहीं, ईमानदार हरदीप बाबा को टिकट दिया है.” उन्होंने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार केएल ठाकुर कभी जनता के सच्चे हितैषी नहीं हो सकते. जनता की भावनाओं का सौदा करने वाला सच्चा सेवक नहीं हो सकता.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने जनता की आवाज बनकर विधानसभा पहुंचने वाले निर्दलीय विधायकों के खूब काम किये. अब उन्होंने खुद को बेच दिया है. उनके इस्तीफा देने के बाद हमने सोचा कि तीन महीने में अक्ल आ जायेगी. लेकिन उन्होंने इस्तीफा वापस लेने के बजाय धरना दे दिया, हाईकोर्ट गए. उनकी बीजेपी के साथ डील हुई थी.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने केएल ठाकुर पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा कि नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर अपने क्रशर का स्टे लेने के लिए हाईकोर्ट की दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन, जनता की समस्याओं का समाधान कराने के लिए कभी शिमला की दौड़ नहीं लगाई. केएल ठाकुर निजी काम के लिए आते थे. नालागढ़ में विकास कार्य मैंने खुद किए.
बिकने के बाद पूर्व विधायक एक महीना अपने विधानसभा क्षेत्र नालागढ़ में नहीं आए. अब किस मुंह से दोबारा वोट मांग रहे हैं. जनता ने उन्हें विधायक चुनकर भेजा था. 14 महीने में उनको इस्तीफा देने की जरूरत क्यों पड़ी. निर्दलीय होते हुए भी बीजेपी के साथ जा सकते थे, लेकिन जो पैसा उन्होंने अपना ईमान बेचकर लिया था. इसके दबाव में ही विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा.
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