Sam Pitroda raised questions on EVM says evm can manipulate and ballot paper system best option in election
EVM Row: लोकसभा चुनाव के दौरान विरासत टैक्स जैसे विवादित बयान देने वाले कांग्रेस ओवरसीज के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अब ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. सैम पित्रोदा ने सोमवार (17 जून) को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है ऐसे में पेपर बैलेट सिस्टम से चुनाव कराना ही ठीक है. उन्होंने कहा कि बैलेट की गिनती से हार और जीत का फैसला होना ही सबसे सही व्यवस्था है.
दरअसल, सैम पित्रोदा ने एक्स पर लिखा, ‘मैंने 60 साल से ज्यादा समय तक इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलिकॉम, आईटी, सॉफ्टवेयर जैसे सेक्टर में काम किया है. इस दौरान मैंने ईवीएम की व्यवस्था का पूरा अध्ययन किया है और मेरा मानना है कि इनसे छेड़छाड़ करना संभव हैं. ऐसे में सबसे अच्छा तरीका ये है कि बैलेट पेपर से ही चुनाव हो और उनकी गिनती से ही हार और जीत का फैसला किया जाए.
I have spent about 60 years in the forefront of #electronics, #telecom,IT, #software, #complex systems and a lot more. I have studied #EVM system carefully and believe that it is possible to manipulate. The best approach is the traditional paper ballet to count as casted.
— Sam Pitroda (@sampitroda) June 16, 2024
EC को EVM पर विचार करने की है जरूरत- सैम पित्रोदा
सैम पित्रोदा ने आगे कहा कि भारत में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के दौरान वीवीपीएटी, मतदाता सूची, डाले गए वोट, गिने गए वोट, अंतर, विजेता, हारने वाले आदि के बारे में पैदा हुए भ्रम पर मतदाताओं और चुनाव आयोग के बीच विश्वास कायम करने के लिए सावधानीपूर्वक विचार किए जाने की आवश्यकता है.
मस्क के EVM पर बयान देने के बाद भारत में मची खलबली
बता दें कि, भारत में ईवीएम पर मचा बवाल अमेरिका दिग्गज कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क के बयान के कारण भारत की सियासत और भी गर्म हो गई है. ऐसे में सैम पित्रोदा ने कहा कि उनके तथ्य स्पष्ट हैं. ऐसे में यह सिर्फ़ ईवीएम मशीन ही नहीं है, बल्कि वीवीपैट और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं और लॉजिस्टिक्स के साथ एक जटिल प्रणाली है, जिसमें चुनिंदा छेड़छाड़ की गुंजाइश है.
जानें क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि मिड डे अखबार की रिपोर्ट से यह विवाद शुरू हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिंदे गुट के कैंडिडेट रविंद्र वायकर एक रिश्तेदार ने ईवीएम को मोबाइल से कनेक्ट कर लिया था. ऐसा मतगणना वाले दिन हुआ था, जिसमें रविंद्र वायकर 48 वोटों के मामूली अंतर से ही चुनाव जीते थे. वहीं, जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो चुनाव आयोग ने इस पर सफाई दी है और कहा कि ओटीपी जैसा कोई सिस्टम ईवीएम में नहीं है.
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