Jammu Kashmir Train ran on world highest Chenab rail bridge successful trial from Sangaldan to Reasi
Jammu Kashmir News: देश की सबसे महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) को लेकर काम जारी है. विश्व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज (Chenab Rail Bridge) कश्मीर में बन चुका है. इस बीच भारतीय रेल ने संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इसमें चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे स्टील आर्च रेल ब्रिज को पार करना भी शामिल है.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रायल रन का वीडियो सोशल मीडिया हैंडल “एक्स” पर पोस्ट कर लिखा कि “पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, जिसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है. यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण काम लगभग समाप्त हो चुके हैं, केवल सुरंग नंबर 1 आंशिक रूप से अधूरी है.”
Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw tweets, “1st trial train has successfully run from Sangaldan to Reasi, including crossing the Chenab Bridge. All construction works for the USBRL are nearly finished, with tunnel No.1 remaining partially incomplete.” pic.twitter.com/XnylGsgBqW
— ANI (@ANI) June 16, 2024
वहीं रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद संगलदान और रियासी के बीच उद्घाटन ट्रेन 30 जून को चलने की संभावना है. पिछले महीने उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं का आकलन करने के लिए चिनाब ब्रिज और बक्कल-दुग्गर-सावलकोट-संगलदान खंड का निरीक्षण किया था.
272 किलोमीटर की है यूएसबीआरएल परियोजना
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना 272 किलोमीटर की है. इसे 1997 में मंजूरी दी गई थी. 1997 में अपनी शुरुआत के बाद से इस पर 209 किलोमीटर की दूरी का काम हो चुका है. रियासी और कटरा के बीच बाकी 17 किलोमीटर की दूरी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है, जो कश्मीर को बाकी हिस्सों से जोड़ देगी.
एफिल टावर से ऊंचा है ये ब्रिज
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब नदी से लगभग 359 मीटर ऊपर बना है और एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस पुल को पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है. चिनाब रेल पुल के निर्माण में कुल 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है.