Meerut ICU opened in District Hospital serious patients will not referred now ann
Meerut Hospital: यूपी के मेरठ जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए राहत भरी बड़ी खबर है. अब से यहां गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर नहीं करना पड़ेगा बल्कि उनका जिला अस्पताल में हो सकेगा. जिला अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था शुरू हो गई है. जिससे उन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा.
मेरठ जिला अस्पताल में सात साल बाद आईसीयू का इंतजार खत्म हुआ है. जिस बिल्डिंग में आईसीयू शुरू किया गया वो बिल्डिंग करीब 7 साल पहले बनकर तैयार हो गई थी. कोरोनाकाल में इस बिल्डिंग में वैक्सीनेशन अभियान चला था. इस पर करोड़ों रुपये भी खर्च हुए थे. जिसके बाद अब यहां पर पूरी तरह से आईसीयू का संचालन शुरू हो गया है. जिला अस्पताल के स्टाफ की मदद से मरीजों को अब इसका बड़ा फायदा मिल रहा है.
अब रेफर नहीं होंगे मरीज
जिला अस्पताल शहर के बीचोबीच है. यहां शहर ही नहीं देहात और दूर-दूर के इलाकों से भी मरीज आते हैं. कई बार सीरियस मरीज भी आते हैं. ऐसे में आईसीयू न होने की वजह से डॉक्टरों को गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था. कई बार तो इलाज में देरी की वजह से मरीजों की मौत तक हो जाती थी.
फिलहाल ये आईसीयू 10 बिस्तरों के साथ शुरू हुआ है. लखनऊ में इसके लिए पत्र भी भेजा गया है कि यदि 50 और लोगों का स्टाफ आ जाए तो फिर यहां की व्यवस्थाएं और बेहतर हो जाएंगी. जितना ज्यादा स्टाफ होगा उतनी ही व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी. उम्मीद की जा रही है लखनऊ से जिला अस्पताल मेरठ प्रशासन के पत्र पर संज्ञान लेकर जितने और स्टाफ की जरूरत है वो मुहैया करा दिया जाए.
आईसीयू खुलने से गंभीर मरीजों को फायदा
अस्पताल में आईसीयू खुलने के बाद दिल की बीमारी, कोमा वाले मरीज, सर्जरी वाले मरीज या अन्य किसी बीमारी के इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज अब आसानी से हो रहा है. एक फिजिशियन, एक एनेस्थिसिया, एक रेजिडेंट डॉक्टर और अन्य स्टाफ हर शिफ्ट में तैनात किए गए हैं. आईसीयू में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, कार्डियक मॉनिटर्स, इन्फ्यूजन पंप, सक्शन मशीन और 24 घंटे ऑक्सीजन की व्यवस्था है.
जिला अस्पताल के एमएस डॉ कौशलेंद्र सिंह ने कहा आईसीयू शुरू होने का बड़ा फायदा मरीजों को मिल रहा है. हमने बड़ी कोशिश की और आखिरकार हम आईसीयू शुरू कराने में कामयाब हो गए. अब हम सीरियस मरीजों को मेडिकल रेफर नहीं कर रहे हैं बल्कि यहीं इलाज दे रहे हैं. जिला अस्पताल में अब सीरियस मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल रहा है.