Jagdalpur Cattle Died Due To Hunger And Thirst In Kanji House 6 Animals Died In Three Months Chhattisgarh Ann
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में (Bastar) जगदलपुर (Jagdalpur) नगर निगम के अंतर्गत कांजी हाउस में मवेशियों के मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. बीते तीन महीनों में यहां 6 मवेशियों की मौत हो गई है, जिसमें दो बछड़े भी शामिल हैं. दरअसल, देखभाल न होने से लगातार यहां भूख-प्यास से मवेशियों की मौत हो रही है. दो दिन पहले ही दो बछड़ों की मौत हुई है. साथ ही कई मवेशियों की हालत गंभीर हैं.
वहीं लगातार मवेशियों की हो रही मौत से बस्तर में राजनीति भी गरमाई हुई है. जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने सरकार के रोका-छेका योजना को पूरी तरह से फ्लॉप बताते हुए मवेशियों की मौत के लिए निगम को जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल, जगदलपुर निगम के इअंतर्गत परपा में कांजी हाउस संचालित किया जा रहा है. इस कांजी हाउस में आवारा मवेशियों को रखने की व्यवस्था की गई है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यहां लगातार मवेशियों की मौत हो रही है.
गौ सेवा संगठनों से जताई नाराजगी
इससे गौ सेवा संगठनों में भी काफी नाराजगी है. हाल ही में शहर की सक्षम संस्था ने मवेशियों की मौत पर कांजी हाउस में जमकर बवाल मचाया था और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी. इसके बावजूद भी कांजी हाउस में स्थिति में सुधार नहीं हुआ और दो दिन पहले ही फिर दो बछड़ों की मौत हो गई. कांजी हाउस में मवेशियों के लिए कुछ खाने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से मवेशी यहां तड़पकर दम तोड़ रहे हैं.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भूख प्यास से मौत होने की पुष्टि
वहीं कई और मवेशी जो कांजी हाउस में बंधे हुए हैं, उनकी भी हालत खराब है और वो मरणासन्न हालत में पड़े हुए हैं. गौ सेवा संगठन के लोगों ने बताया कि, पिछले महीने हुए मवेशियों की मौत के बाद किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जानकारी मिली कि बरसात के सीजन में कांजी हाउस में जरूरी व्यवस्थाएं न होने से गायों को निमोनिया हो गया. साथ ही पोस्टमार्टम के दौरान ये भी पता चला कि चारा- पानी की जगह केवल प्लास्टिक झिल्ली, कागज और अन्य कचरे के कारण संक्रमण फैलने से उनकी मौत हुई है.
कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों पर BJP ने लगाया आरोप
वहीं कांजी हाउस में लगातार हो रही मौत के कारण बस्तर में भी राजनीति गरमाई हुई है और बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है. जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने कहा कि परपा कांजी हाउस में गायों की मौत का यह पहला मामला नहीं है. इस कांजी हाउस में मवेशियों के रख-रखाव पर पहले भी बीजेपी ने सवालिया निशान उठाया है, लेकिन कांजी हाउस में जरूरी व्यवस्था के अभाव में गायों की मौत पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य की कांग्रेस सरकार लगातार गोवंश की दशा सुधारने के लिए कई योजनाएं चलाने की बात कहती है, लेकिन उनकी योजनाओं की जमीनी हकीकत जनता के सामने हैं.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
पंचायत स्तर पर गौठान योजना का जहां बुरा हाल है, तो वहीं शहरों में रोका-छेका योजना जमीनी स्तर पर पूरी तरह से फेल है. खेतों में फसलों को बचाने के लिए मवेशियों को कांजी हाउस में रखा जा रहा है. वहीं यहां रख-रखाव के अभाव में और चारा पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने से मवेशी तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं. विडंबना यह है कि सत्ता के नशे में चूर कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को गायों की दुर्दशा से कोई लेना देना नहीं है.
इधर इस मामले में नगर निगम के आयुक्त एस पैकरा का कहना है कि, कांजी हाउस में दो दिन पहले बछड़ों की मौत की जानकारी उन्हें मिली है. इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है, अगर मवेशियों के देखभाल में लापरवाही बरती गई है, तो जरूर इस मामले की जांच कराकर कठोर कार्रवाई की जाएगी.