World Environment Day 2024 CM Mohan Yadav inaugurated Jal Ganga Conservation campaign ANN
Happy World Environment Day 2024: विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी बहेड़ा से जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने भारतीय संस्कृति में पृथ्वी, पर्वत, नदी पेड़-पौधों की महत्ता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मानव देह में धमनियों के माध्यम से रक्त का संचार होता है उसी प्रकार नदियां पृथ्वी पर जीवन का संचार करती हैं. इसलिए नदियों का निरंतर प्रवाह आवश्यक है.
सीएम ने कहा कि नदियों के प्रवाह को दूषित करना या उनमें अवरोध उत्पन्न करना जीवन में अवरोध उत्पन्न करने जैसा है. इस दृष्टि से जल स्रोतों का संरक्षण मानव जीवन के लिए आवश्यक है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के शुभारंभ पर बरगद का पौधा रोपा. उन्होंने बताया कि बेतवा नदी का उद्गम भोपाल के पास से होता है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कार्यक्रम स्थल पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ कलश यात्रा निकालकर महिलाओं ने स्वागत किया.
जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, पूर्व मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, विधायक सुरेन्द्र पटवा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन ईश्वरीय देन हैं. प्राकृतिक संसाधनों की महत्ता को स्वीकारने और संरक्षण के लिए हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की परम्परा शुरू हुई. उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु के बयान का भी हवाला दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 हजार 90 करोड़ की लागत से जल संरक्षण के 990 कार्य आज से प्रदेश में शुरू हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव का भव्य स्वागत
प्रत्येक जिले, विकासखंड और पंचायत स्तर पर जल संरचनाओं की मरम्मत, पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण के लिए जनभागीदारी से गतिविधियां संचालित की जाएंगी. उन्होंने नमामि गंगे अभियान शुरू करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया. मुख्यमंत्री ने बताया की प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर केन-बेतवा-लिंक परियोजना के लिए 45 हजार करोड़ मध्य प्रदेश को और 45 हजार करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को उपलब्ध करवाए गए.
उन्होंने कहा, “नदी जोड़ो अभियान की बड़ी पहल से बुंदेलखंड का संपूर्ण क्षेत्र सिचिंत होगा और क्षेत्रवासियों की पेयजल संबंधी समस्या का भी समाधान होगा. इसी प्रकार पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो अभियान के तहत मध्य प्रदेश में 35 हजार करोड़ और राजस्थान में 35 हजार करोड़ से गतिविधियां संचालित की जाएंगी.” प्रधानमंत्री मोदी की पहल के लिए उन्होंने आभार जताया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में कई नदियों के उद्गम स्थल जीवन स्त्रोत के समान महत्वपूर्ण हैं.
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नदियों के उद्गम स्थलों की सुरक्षा का कार्यक्रम निरंतर चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि जल संरचनाओं के प्रति जनजागृति और जल सम्मेलन जैसी गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी. जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन 16 जून को गंगा दशहरे के अवसर पर उज्जैन में होगा.
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