85 साल से ज्यादा उम्र के हार्ट पेशेंट के लिए कारगर है स्टैटिन थेरेपी, मृत्यु दर हो सकती है कम- रिसर्च
Statin Therapy: एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि हृदय रोग (सीवीडी) की रोकथाम के लिए स्टैटिन थेरेपी 85 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों में भी प्रभावी होती है. शोध के अनुसार, ट्रीटमेंट का पहले स्टेप के रूप में स्टैटिन थेरेपी हृदय रोग (सीवीडी) की रोकथाम के लिए प्रभावी रूप से काम करती है. खासतौर पर यह 85 साल और उससे ज्यादा उम्र के वयस्कों में भी हृदय रोग से होने वाली मृत्यु दर को रोकने में भी कारगर है.
स्टैटिन थेरेपी आमतौर पर रोगियों में कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करती है. इसमें दवाओं के एक वर्ग को इस्तेमाल किया जाता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है. हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले 75 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगो में हार्ट रोग की प्राथमिक रोकथाम के लिए स्टैटिन के उपयोग पर आम सहमति कम थी.
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एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में 60 साल से ज्यादा उम्र के उन रोगियों को शामिल किया गया, जिसमें पहले से सीवीडी का पता नहीं चला था. 5.3 वर्ष तक सभी को अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया. 75 से 84 साल की उम्र के 42,680 वयस्कों में से 9,676 में सीवीडी विकसित हुआ. वहीं 85 साल या उससे ज्यादा उम्र के 5,390 वयस्कों में से 1,600 में सीवीडी विकसित हुआ.
शोधकर्ताओं ने कहा कि परिणाम से पता चला कि सभी आयु समूहों में स्टैटिन थेरेपी शुरू करने से सीवीडी और सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई. उन्होंने आगे कहा, “85 साल या उससे ज्यादा उम्र की बुजुर्ग आबादी को भी स्टैटिन थेरेपी से फायदा हुआ.” नए अध्ययन से पता चला है कि स्टैटिन के उपयोग से मायोपैथी और लीवर डिसफंक्शन का भी जोखिम नहीं हुआ.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)