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पंजाब का ‘सरदार’ कौन? BJP को मिशन-370 के लिए कितनी उम्मीद



पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए चार-चार टीमें दावेदार है. पंजाब में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल और बीजेपी के बीज पंजाब में मुकाबला देखने को मिल रहा है. पंजाब में होने वाले चुनाव को लेकर सबसे बड़ी चर्चा है कि क्या आम आदमी पार्टी विधानसभा वाले अपने प्रदर्शन को एक बार फिर से दोहरा पाएगी या कांग्रेस अपने पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को एक बार फिर से करेगी.  

6 हॉट सीटों पर किसकी होगी जीत किसकी होगी हार? 

पंजाब में एंटी सेंटर पॉलिटिक्स होती रही है: अमिताभ तिवारी
पंजाब में हमेशा से एंटी सेंटर पॉलिटिक्स होती रही है. 2014 में कांग्रेस के खिलाफ वोटिंग हुई थी एनडीए को अधिक सीट मिली थी. 2019 में एनडीए की हार हुई और कांग्रेस को अधिक सीटों पर जीत मिली. इस चुनाव में चौतरफा मुकाबला है. कांग्रेस पार्टी को न सिर्फ बीजेपी से बल्कि आम आदमी पार्टी से भी इस चुनाव में खतरा है. कांग्रेस पार्टी की सीटें इस चुनाव में कम हो सकते हैं. 

पंजाब में किसके साथ होगी जातीय गोलबंदी?
पंजाब की अगर बात करें तो राज्य में 58 प्रतिशत सिख आबादी, 38 प्रतिशत हिंदू अबादी और 32 प्रतिशत दलित आबादी है. कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को जब सीएम बनाया था तो उसे एक मास्टर स्ट्रोक बताया गया था हालांकि कांग्रेस को सफलता नहीं मिली थी. पंजाब में दूसरे राज्यों की तुलना में थोड़ी अलग हालात रहे हैं. 



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