जानें- चक्रवात ‘रेमल’ का कहां-कहा पड़ा असर
नई दिल्ली:
चक्रवात ‘रेमल’ (Cyclone ‘Remal) भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के बाद अब लैंडफॉल की शुरुआत हो गयी है. मौसम विभाग ने बताया है कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती है. चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश हो रही है. लैंडफॉल की प्रक्रिया अगले 2-3 घंटे तक चलने का अनुमान लगाया गया है. तटीय इलाकों में हवाएं तेज होती जा रही हैं. समुद्र में तेज लहरे उठने लगी हैं. चक्रवात के आगे बढ़ने के साथ ही हवा और तेज होती जाएगी और बारिश की मात्रा भी बढ़ती जाएगी.
- तूफान का विमान सेवा पर असर: कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला किया है. इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलाकर कुल 394 उड़ान प्रभावित होंगी. कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह में भी चक्रवात के पूर्वानुमान के कारण रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल एवं कंटेनर प्रबंधन परिचालन निलंबित रहेगा.
- मॉनसून से पहले बंगाल की खाड़ी में आया पहला तूफान: चक्रवात रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में सागर द्वीप से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और इस दौरान 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और उनका वेग 110 किलोमीटर प्रति घंटे था. यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है.
- बंगाल और ओडिशा में भारी बारिश की संभावना: मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26-27 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने चेतावनी जारी की है. असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है. मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है.
- IMD ने जारी किया ‘रेड अलर्ट’ : उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है. उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
- रेल सेवा पर भी तूफान का असर: पूर्वी रेलवे ने रविवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक सियालदह दक्षिण और बारासात-हसनाबाद खंड में ट्रेन सेवाओं को एहतियातन निलंबित कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप कई लोकल ट्रेन रद्द कर दी गईं. दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी रविवार को कांडारी एक्सप्रेस और रविवार एवं सोमवार को दीघा से आने-जाने वाली कुछ रेल रद्द कर दी हैं.
- बांग्लादेश में भी राहत बचाव अभियान जारी: बांग्लादेश ने प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से निपटने की तैयारियों के तहत रविवार को जोखिम वाले इलाकों के निवासियों की निकासी का अभियान शुरू कर दिया. चक्रवाती तूफान के रविवार शाम या आधी तक पहुंचने की आशंका है जिससे देश के तटीय जिलों सतखीरा और कॉक्स बाजार क्षेत्र में समुद्र में ऊंची लहरें उठने और भारी बारिश होने की संभावना है.
- सुंदरवन के क्षेत्र में विशेष निगरानी: सुंदरवन के प्रत्येक ब्लॉक में 12 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया दल पहले से ही तैयार हैं. संदेशखाली हिंगलगंज क्षेत्र पर अतिरिक्त ध्यान है. सिंचाई, विद्युत व स्वास्थ्य विभाग ने भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है. पीने के पानी के 50 हजार पैकेट की व्यवस्था की गई है. सूखे भोजन के पैकेट पर्याप्त मात्रा में स्टोर किए गए हैं. कुछ लोगों को स्कूलों व राहत शिविरों में ले जाया गया है.
- चक्रवात से सुंदरबन मैंग्रोव वन को खतरा: चक्रवात से सुंदरबन मैंग्रोव वन के भी प्रभावित होने की आशंका है. सुंदरबन दुनिया के सबसे बड़े वनों में से एक है और अपने विविध जीव-जंतुओं के लिए जाना जाता है जिनमें पक्षियों की 260 प्रजातियां, बंगाल टाइगर और एस्टुरीन (खारे पानी के) मगरमच्छ एवं भारतीय अजगर जैसी अन्य संकटग्रस्त प्रजातियां शामिल हैं.
- भारतीय नौसेना तैयार: भारतीय नौसेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए अपनी तैयारी कर ली है. नौसेना की तैयारी के अंतर्गत दो जहाजों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है. सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टर्स, डोर्नियर विमानों, गोताखोर टीम और बाढ़ राहत टीम भी तैयार रखी गई है. नौसेना की राहत और बचाव कार्रवाई मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए शुरू की गई है.
- यह कैटेगरी वन का है तूफान: ‘वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेश’ (WMO) ने तूफान को कुल 5 कैटेगरी में बांटा है. कैटेगरी वन के तूफान में 119 से 153 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं. इससे कम नुकसान होने की आशंका रहती है. चक्रवात ‘रेमल’से कम नुकसान होने की संभावना जतायी गयी है. हालांकि प्रशासन के स्तर पर राहत और बचाव के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं.