Water Level In 150 Reservoirs At The Lowest Level In Last 5 Years Due To Extreme Heat – Explainer : धरती को प्यासा बनाता सूरज! दक्षिण में सूखे की आहट, खत्म होने की कगार पर सैकड़ों जलाशय
40 साल का सबसे बड़ा सूखा : केरल सरकार
केरल की सरकार के मुताबिक ये पिछले 40 साल का सबसे बड़ा सूखा है. हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने पानी और बिजली की कमी के कारण अपने हॉस्टल और मेस को बंद करने का फैसला किया है.
40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान की वजह से दक्षिण भारत के कई झील और जल स्रोत सूख गए है. कर्नाटक के कावेरी बेसिन का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है. इसका सीधा असर वहां धान की खेती पर पड़ा है. बेंगलुरू में किफायत के साथ पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. घरों में टैंकर से पानी की सप्लाई के लिए अलग से पैसे देने होते हैं.
इसी तरह केरल में धान, काली मिर्च, इलायची और कोको के उत्पादन पर भी असर पड़ा है.
हालांकि इस बार मौसम विभाग ने कहा कि मानसून समान्य रहेगा. मौसम विभाग के मुताबिक 96 से 104 फीसदी की बरसात को औसत मानसून कहा जाता है, लेकिन सूखे की वजह से गर्मियों में बोए जाने वाले फसलों की बुआई में देरी हो सकती है.
मौसम विभाग ने दी है भीषण लू चलने की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान के कई हिस्सों, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 21 मई को भीषण लू चलने की संभावना है तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना जताई है.
केरल एंव माहे में 20-22 मई के दौरान भारी से अत्यन्त भारी वर्षा (>204.5 मिमी) और 23 मई 2024 को भारी से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.5 मिमी) होने की संभावना है।#rainfallalert#weatherupdate#rain@moesgoi@DDNewslive@ndmaindia@airnewsalertspic.twitter.com/sl3OQ9mWo9
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 20, 2024
वहीं मौसम विभाग ने केरल और माहे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. यहां 20 से 22 मई के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश और 23 मई को बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. वहीं तमिलनाडु, कराईकल और पुडुचेरी में 21 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिम राजस्थान के कई हिस्सों, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 21 मई, 2024 को उष्ण लहर से लेकर गंभीर उष्ण लहर चलने की संभावना है तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, pic.twitter.com/7R2xQnDyyG
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 20, 2024
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही दुनिया
‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरमेंट एंड डेवलपमेंट’ (आईआईईडी) के अनुसार घनी आबादी वाले शहर दिल्ली में 2004 से 2013 के बीच 1,254 दिन (लगभग 34 प्रतिशत) और 1994 से 2003 के बीच 1,180 दिन (लगभग 32 प्रतिशत) तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया.
जलवायु परिवर्तन के कारण न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. 2023 में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 425 पीपीएम तक पहुंच गया था और साल 2014 से 2023 तक का दशक सबसे गर्म दशक रहा.
हर दशक में 0.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा तापमान
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 2020 का आकलन है कि 1950 के बाद से भारत में हर दशक में 0.15 डिग्री सेल्सियस की महत्वपूर्ण औसत तापमान वृद्धि देखी गई है.
1951-2015 की अवधि के दौरान गर्म दिन और गर्म रातें भी प्रति दशक क्रमशः सात और तीन दिन बढ़ी हैं. देश के 23 राज्य खासतौर पर मैदानी और तटीय क्षेत्र गर्मी के व्यापक प्रभाव को लेकर ज्यादा संवेदनशील माना जाता है और पहाड़ी राज्य भी भीषण गर्मी से बचे नहीं है. हालांकि वहां अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचता है, लेकिन अब वहां की आबादी पिछले दशकों की तुलना में उच्च तापमान का अनुभव कर रही है.
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