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Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार (20, मई) को अपने ओडिशा दौरे के दौरान जगन्नाथ मंदिर में पूजा की. इस दौरान उन्होंने ‘रत्न भंडार’ की चाबियां गायब होने का मुद्दा उठाया और पटनायक सरकार से सवाल भी किया. उन्होंने कहा कि ओडिशा में बीजेपी सरकार बनते ही जगन्नाथ जी के मंदिर के रत्न भंडार की चाबी गुम होने के रहस्य का खुलासा किया जाएगा.

दरअसल, पीएम मोदी ने अंगुल और कटक में आयोजित रैलियों के दौरान ओडिशा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ओडिशा का मूड साफ है. इस बार ओडिशा बीजेपी के साथ है. यहां बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने वाली है और बीजेपी ही ओडिशा को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी. यह चुनाव ओडिशा के विकास और ओडिया गौरव को बचाने का चुनाव है.

पीएम मोदी ने किया रत्न भंडार की चाबी का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा, ”BJD सरकार में महाप्रभु जगन्नाथ जी का मंदिर भी सुरक्षित नहीं बचा है. पिछले 6 सालों से श्री रत्न भंडार की चाबी का कोई पता नहीं है और इसके जिम्मेदार बीजेडी सरकार और मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करने वाले लोग हैं. लोग तो ये भी कहते हैं कि रत्न भंडार की चाबी तमिलनाडु चली गई है. ओडिशा की जनता जानना चाहती है कि जो जांच हुई थी उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि बीजेडी ने वह रिपोर्ट ही दबा दी और अब बीजेडी की खामोशी से जनता का शक गहरा रहा है. ओडिशा में बीजेपी सरकार बनते ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.”

पीएम मोदी ने BJD को घेरा

उन्होंने आगे कहा कि BJD ने ओडिशा को क्या दिया? भू माफिया, बालू माफिया, कोयला माफिया, लेकिन बीजेपी सरकार आते ही माफिया की कमर तोड़ी जाएगी. बीजेडी सरकार ने ओडिशा जैसे समृद्ध प्रदेश, महान विरासत और युवाओं के सपनों को तबाह कर दिया है. BJD के भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा नुकसान नौजवानों को ही हो रहा है. यहां से नौजवानों को पलायन करना पड़ता है. BJD सरकार यहां निवेश के लिए उचित माहौल नहीं बना पाई है.

क्या है रत्न भंडार?

दरअसल, ओडिशा और देशभर के हिंदुओं में भगवान जगन्नाथ को लेकर गहरी आस्था है. भगवान जगन्नाथ के मंदिर में ही रत्न भंडार मौजूद है, जहां भक्तों और राजा-महाराजाओं की ओर से दिए गए आभूषण और दूसरे जरूरी बहुमूल्य चीजें रखी हुई है. रत्न भंडार को साल 1985 में आखिरी बार खोला गया था. हालांकि, साल 2018 में हाई कोर्ट के निर्देश पर रत्न भंडार के कक्ष को खोलने का निर्देश दिया गया था, ताकि उसका निरीक्षण किया जा सके, लेकिन रत्न भंडार की चाबियां नहीं मिल पाई थी.

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