Supreme Court Dismisses the Bail plea of samajwadi party formar MLA Kamlesh Pathak Uttar Pradesh Gangster Act case
Supreme Court: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक कमलेश पाठक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में आरोपी कमलेश पाठक की याचिका पर सोमवार (20 मई) को सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. जमानत अर्जी पर जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश सी शर्मा की बेंच ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने पाठक के आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि इलाके में उनके प्रभाव और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनकी एप्लीकेशन “अनुचित” लगती है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि सपा के पूर्व विधायक कमलेश पाठक के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले साफतौर पर शिकायतकर्ताओं के साथ “निपटाए” गए थे, जो याचिकाकर्ता के प्रभुत्व की ओर इशारा करता है. इस दौरान पाठक की वकील अंजना प्रकाश ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को हत्या और हत्या के प्रयास के अलग-अलग मामलों में जमानत दी गई है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट के मामले के कारण उन्हें सलाखों के पीछे रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
कमलेश पाठक की दलील पर SC ने की सुनवाई
वहीं, सपा के पूर्व विधायक कमलेश पाठक के वकील ने दलील देते हुए सुप्रीम कोर्ट के मई 2023 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें पाठक को गैंगस्टर एक्ट मामले की सुनवाई तीन महीने के भीतर खत्म नहीं होने पर अपनी जमानत याचिका नवीनीकृत करने की अनुमति दी गई थी. इस पर वकील अंजना प्रकाश ने सुनवाई की धीमी गति को लेकर शिकायत की.
क्रिमिनल हिस्ट्री का हवाला देकर SC ने जमानत देने से किया इनकार
इस पर जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि यह इस अदालत की इच्छापूर्ण सोच है कि उत्तर प्रदेश से इस तरह का मामला तीन महीने के भीतर खत्म हो जाएगा. पीठ ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहां हम अपने विवेक का प्रयोग कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि कमलेश पाठक जैसी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ, हमें नहीं लगता कि हम ऐसा कोई आदेश पारित करेंगे.
क्या है मामला?
दरअसल, यूपी के औरैया जिले में हुए दोहरे हत्याकांड में कथित संलिप्तता को लेकर पाठक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. जहां मार्च 2020 में वकील मंजुल चौबे (37) और उनकी बहन (24) की औरैया के नारायणपुर में एक मंदिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मंदिर का प्रबंधन चौबे का परिवार करता था. पुलिस ने कमलेश पाठक उनके दो भाइयों और 11 अन्य पर मंदिर की जमीन हड़पने के लिए हत्या का आरोप लगाया.
इलाहाबाद HC ने 2022 में कमलेश पाठक को दी थी जमानत
वहीं, सपा के पूर्व विधायक कमलेश पाठक के खिलाफ दूसरा आपराधिक मामला हत्या के प्रयास और गंभीर हमले के आरोप के तहत दर्ज किया गया था. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पाठक को अप्रैल 2022 में हत्या और गंभीर हमले के मामलों में जमानत दे दी थी, लेकिन गैंगस्टर मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली. इसके बाद ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने उनकी याचिका खारिज कर दी.
मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाठक को तीन महीने के बाद अपनी जमानत याचिका नवीनीकृत करने की छूट देने के बाद, उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.