up news A woman Died due to negligence and lack of oxygen in Meerut Medical College ann
Meerut Medical College News: मेरठ मेडिकल कॉलेज में लापरवाही, नकारापन और अव्यवस्थाओं ने एक महिला मरीज की जान ले ली. इमरजेंसी में महिला की सांसे उखड़ रही थी, उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन एक-एक करके चार सिलेंडर बदले गए, लेकिन चारों ही खाली थे. आखिरकार इमरजेंसी की चौखट पर महिला मरीज ने दम तोड़ दिया.
मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई और जांच बैठा दी गई है. सवाल उठ रहा है, जिस मेडिकल कॉलेज को सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए का बजट मिलता है अगर वहां की इमरजेंसी में ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर रखे होंगे तो इससे बड़ी घोर लापरवाही क्या हो सकती है.
अस्पताल के पूर्व कर्मचारी के पत्नी का नहीं हो सका इलाज
मेरठ मेडिकल कॉलेज के कैंपस में रहने वाले त्रिलोक चंद ने 35 बरस मेडिकल में सेवाएं दी. अब वो सेवानिवृत हैं. उनकी पत्नी इंदिरा देवी को सांस लेने में दिक्कत होने के बाद 15 मई को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. गुरुवार को उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था. परिजन मना कर रहे थे, लेकिन स्टाफ वार्ड में शिफ्ट करने पर तुला था.
जैसे ही स्ट्रेचर पर लेकर स्टाफ आगे बढ़ा तो उनकी सांसे उखड़ने लगी. शोर मचाया गया तो स्टाफ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आया लेकिन जैसे ही उसे लगाया तो भी सांसे उखड़ती रही, क्योंकि सिलेंडर खाली था. चार सिलेंडर बदले गए लेकिन चारों में ऑक्सीजन ही नहीं थी और आखिरकार इंदिरा देवी ने दम तोड़ दिया. उनके पति त्रिलोक चंद रो रोकर बस यही कह रहे थे कि 35 बरस मेडिकल की सेवा की और इसी मेडिकल में अपनी पत्नी को इलाज न दिला सका और उसकी जान न बचा सका.
स्टाफ मदद की बजाय भाग खड़ा हुआ
मेरठ मेडिकल कॉलेज में महिला इंदिरा देवी की मौत के मामले में मेडिकल स्टाफ की एक और घोर लापरवाही सामने आई है. महिला की पुत्रवधू सोनिया का आरोप है कि जबरन उनकी सास को वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था और मना करने पर भी सुनने को कोई तैयार नहीं था. चार ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए चारों खाली थे और जब उनकी सास इंदिरा देवी की स्थिति ज्यादा बिगड़ी तो स्टाफ भाग खड़ा हुआ और उनकी कहासुनी भी हुई. आखिर में अकेले ही वो व्हील चेयर पर बैठाकर अपनी सास को ले गई लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. सोनिया का कहना है जैसा हमारे साथ हुआ भगवान आगे किसी के साथ न हो और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टर कर रहे हैं जांच
मेरठ मेडिकल कॉलेज को करोड़ों रुपए का बजट मिलता है, लेकिन बावजूद इसके अगर इमरजेंसी में सिलेंडर खाली होंगे तो क्या मायने रह जाएंगे. इस मामले में जब हमने मेडिकल कॉलेज के एसआईसी डॉ धीरज राज बालियान से बात की तो उन्होंने बताया कि डॉ संजीव मालियान के साथ वो खुद मामले की जांच कर रहे हैं और प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता को रिपोर्ट सौंपेंगे. उन्होंने ऑक्सीजन खत्म होने के आरोपों को नकारा है और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सख्त एक्शन की बात कही है.
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