Priests locals protest in Badrinath against mismanagement of Char Dham Yatra
उत्तराखंड के बद्रीनाथ में स्थानीय प्रशासन तथा बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की कथित अव्यवस्थाओं के विरूद्ध आक्रोश प्रकट करते हुए सोमवार को पुरोहित समाज और स्थानीय लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी और धरना प्रदर्शन किया.
आंदोलनकारियों ने बद्रीनाथ में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था बंद करने, स्थानीय लोगों के आने जाने के परंपरागत रास्तों पर लगी बैरिकेडिंग हटाने, मंदिर में पूर्व की भांति प्रवेश करने समेत आधा दर्जन से अधिक मांगों को लेकर जमकर हंगामा किया.
बाद में प्रशासन और मंदिर समिति के पदाधिकारियों से आंदोलनकारियों की बातचीत के बाद रास्तों से बैरिकेडिंग हटा दी गयी जिसके बाद आंदोलन भी स्थगित कर दिया गया. जोशीमठ के उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि आंदोलकारियों की अन्य मांगों से शीर्ष अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.
इस बीच, आंदोलनकारियों की अति विशिष्ट लोग (वीआईपी) दर्शन व्यवस्था को बंद करने की मांग पर मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर अभी तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था शुरू ही नहीं की गयी है.
श्रद्धालुओं के जबरदस्त उत्साह को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने देश के सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उनसे शुरूआती 15 दिनों में वीआईपी लोगों के चारधाम दर्शन के लिए न आने का अनुरोध किया है. चारधाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई है.
इससे पहले, दिन में तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों ने धरना—प्रदर्शन किया तथा कुछ समय के लिए बाजार और दुकानें बंद रखीं जिसके चलते तीर्थयात्रियों को जरुरी चीजों के लिए मोहताज होना पड़ा.
केदारनाथ और बद्रीनाथ में महायोजना के नाम पर हो रही कथित गड़बड़ियों को लेकर दोनों ही तीर्थों में स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आक्रोश निकल रहा है . इससे भगवान बद्रीनाथ के दर्शन के लिए आए हजारों तीर्थयात्री भी परेशाान रहे .
बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहित संगठन से जुड़े परवीन ध्यानी ने ‘पीटीआई भाषा’ से बातचीत में आरोप लगाया कि महायोजना के नाम पर हो रही तोड़-फोड़ में पुरोहित समाज के एक दर्जन से अधिक लोगों के घर टूट गए हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ मंदिर समिति द्वारा वीआईपी दर्शन के नाम पर अव्यवस्था फैलायी गयी और स्थानीय लोगों के घरों को जाने वाले मुख्य पैदल मार्ग को ही बंद कर दिया गया.
हांलांकि, ध्यानी ने बाद में कहा कि आंदोलन के बाद प्रशासन ने पैदल रास्तों से बैरिकेडिंग हटा दी है और वीआईपी दर्शन के लिए बना काउंटर भी बंद कर दिया है जिसके बाद आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अन्य मांगों को पूरा करवाने के लिए मंगलवार को बद्रीनाथ के लोग एक बैठक कर अगली रणनीति बनाएंगे.
जोशीमठ के उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि आंदोलनकारियों से बातचीत के बाद बामणी गांव को जाने वाले रास्ते से अवरोध हटा दिए गए हैं जबकि उनकी अन्य मांगों से शीर्ष अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.