Gujarat Lok Sabha Election 2024 Will Congress candidate Surat Seat Nilesh Kumbhani join BJP
Gujarat Lok Sabha Elections 2024: गुजरात कांग्रेस ने मंगलवार (23 अप्रैल) को दावा किया कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार नीलेश कुंभानी संपर्क में नहीं हैं. नामांकन पत्र में विसंगतियों की वजह से नीलेश कंभानी की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई थी. अब अटकले लगाई जा रही हैं कि वह जल्द ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं.
कांग्रेस की सूरत इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश सावलिया के नेतृत्व में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुना गाम इलाके में कुंभानी के बंद घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, उन्हें गद्दार कहा और उन पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया. बहुजन समाज पार्टी (BSP) समेत अन्य सभी उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी के मुकेश दलाल को सोमवार को सूरत से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया.
कांग्रेस नेता ने लगाया ये आरोप
कांग्रेस नेता असलम साइकिलवाला ने कहा कि कुंभानी 21 अप्रैल की दोपहर तक मेरे संपर्क में थे. उसके बाद उन्होंने अपना फोन बंद कर लिया और अब संपर्क में नहीं हैं. आज जब हमारे नेता उनके घर गए तो पता चला कि वह ताला लगाकर अपने पूरे परिवार के साथ किसी अज्ञात स्थान पर चले गये हैं. नामांकन खारिज होने के बाद उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की.
साइकिलवाला ने आगे कहा कि ‘इससे साबित होता है कि वह बीजेपी की मदद करने के लिए अपने ही नामांकन को खारिज किए जाने की योजना में शामिल थे. अगर वह पीड़ित होते तो उन्होंने मीडिया से बात की होती. इसके बजाय वह रविवार को कलेक्टर कार्यालय के पीछे से भाग गए. वह किसी भी कांग्रेस नेता के संपर्क में नहीं हैं. ऐसी अटकलें हैं कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे.’
क्यों खारिज हुआ नामांकन?
बता दें कुंभानी ने सूरत नगर निगम में कांग्रेस पार्षद के रूप में काम किया है. उन्होंने सूरत की कामरेज सीट से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे. रविवार को उनका नामांकन फॉर्म खारिज कर दिया गया, क्योंकि उनके तीन प्रस्तावकों ने जिला रिटर्निंग अधिकारी को हलफनामा देकर दावा किया था कि फॉर्म पर साइन उनके नहीं थे.
वहीं कांग्रेस के स्थानापन्न उम्मीदवार सुरेश पडसाला के फॉर्म को भी इसी आधार पर खारिज कर दिया गया था. अपने आदेश में रिटर्निंग अधिकारी सौरभ पारधी ने कहा कि कुंभानी और पडसाला के फॉर्म को प्रस्तावकों के साइन नहीं होने पर खारिज कर दिया गया..