S Jaishankar raises question why no ambassador or embassy of India in Israel till 1992
Israel India Relations: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (23 अप्रैल) को इजरायल में 1992 तक राजदूत और दूतावास न होने पर सवाल खड़े किए. एस जयशंकर ने कहा कि यहूदी देश इजरायल में 1992 तक भारत का कोई राजदूत और दूतावास क्यों नहीं था? हैदराबाद में आयोजित फॉरेन पॉलिसी द इंडिया वे: फ्रॉम डिफिडेंस टू कॉन्फिडेंस में बोलते हुए जयशंकर ने यह बात कही.
एस जयशंकर ने कहा कि इजरायल जैसे देश के बारे में सोचिए, लोग आज कहते हैं कि हर कोई एक जैसा है और हमें चर्चा में धर्म को नहीं लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इजरायल 1948 में आजाद हुआ. 1948 से 1992 तक हमने (भारत) इजरायल में भारतीय राजदूत और दूतावास को न रखना चुना. क्यों? 1992 से हमारे पास एक दूतावास था. 1992 से 2017 तक, जब प्रधानमंत्री मोदी इजरायल गए थे, उस दौरान भारत का कोई भी प्रधानमंत्री कभी वहां नहीं गया था.
भारत ने कब दी थी इजरायल को मान्यता?
विदेश मंत्री ने कहा, ”इस बारे में सोचें और फिर मुझे बताओ कि हमारी नीति पर विश्वास का कोई प्रभाव नहीं है. यह क्या है? क्या यह वोट बैंक नहीं है? भारत ने आधिकारिक रूप से 1950 में इजरायल को मान्यता दी, लेकिन दोनों देशों ने 29 जनवरी 1992 को राजनयिक संबंध स्थापित किए.’
#WATCH | Hyderabad, Telangana: At the forum for Nationalist Thinkers- Hyderabad Chapter ‘Foreign Policy The India Way: From Diffidence To Confidence’, EAM Dr S Jaishankar says, “Just think of a country like Israel… Israel became independent in 1948. From 1948 to 1992, we chose… pic.twitter.com/qzPppBmOUt
— ANI (@ANI) April 23, 2024
इजरायल-हमास युद्ध पर जताई थी चिंता
दरअसल, जयशंकर ने पिछले महीने इजरायल-हमास युद्ध में नागरिकों की मौत पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था. जबकि दूसरी ओर किसी भी निर्दोष नागरिक की मौत को स्वीकार नहीं किया जा सकता. दोनों देशों को अपनी-अपनी जगह सही ठहराया जा सकता है, लेकिन आपके पास कोई जवाब नहीं हो सकता है कि हर प्रतिक्रिया को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखना चाहिए.
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