Korba ambulance driver was drunk vehicle owner reached spot and taught him a lesson ann
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पुलिस सड़क हादसा रोकने और नशेड़ी वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चला रही है. इस अभियान को एक एम्बुलेंस का चालक अंगूठा दिखाते नजर आया. नशे में चूर चालक अपना सुध बुध खो चुका था. पहले तो वह काफी देर तक एम्बुलेंस को आगे बढ़ाने का प्रयास करता रहा, इसके बाद वह खुद खिड़की में झूल गया.
जानकारी के मुताबिक एम्बुलेंस में कोई मरीज नहीं था. हालांकि जानकारी होने पर पहुंचे वाहन मालिक ने उसे नीचे उतार दिया. यह वाक्या बुधवारी बाजार जैन चौक के समीप सामने हुआ. दरअसल जैन चौक से कुछ ही दूर अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास स्थित है. छात्रावास के सामने मैदान में पार्किंग बनाया गया है, जहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी. उनकी नजर मुख्य मार्ग के करीब खड़ी निजी एम्बुलेंस पर पड़ी.
लोगों ने ली राहत की सांस
एम्बुलेंस का चालक नशे में चूर था. वह एम्बुलेंस को बार बार आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सफल नहीं हो पा रहा था. एम्बुलेंस के दाहिने साइड का इंडिकेटर जल रहा था. इस बात का चालक को पता ही नहीं था. वह नशे में देख लोग किसी अनहोनी की आशंका से सन्न रह गए. उन्होंने करीब जाकर देखा तो एम्बुलेंस के खाली मिलने पर राहत की सांस ली. लोग चालक की करतूत का चुटकी ले रहे थे.
वाहन मालिक कर रहा था खोजबीन
इसी बीच वाहन का मालिक मौके पर पहुंचा. उसने चालक को सबक सिखाते हुए वाहन से नीचे उतार दिया. इसके बावजूद चालक काफी देर तक आसपास के दुकान में बैठकर उल जलूल बातें करता रहा. जानकारों की मानें तो एम्बुलेंस का परिचालन मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से किया जाता है. उसका चालक वाहन को लेकर कहीं निकला हुआ था. उसके काफी देर तक नहीं लौटने पर वाहन मालिक खोजबीन कर रहा था.
गौरतलब है कि कोरबा जिले में बढ़ते सड़क हादसे पर रोक लगाने यातायात और थाना चौकी पुलिस नशेड़ी चालकों के खिलाफ अभियान चला रही है. अभियान के तहत पकड़े जाने पर समन शुल्क के अलावा लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है. इस अभियान को एम्बुलेंस चालक जैसे कुछ लोग अंगूठा दिखा रहे हैं.
एम्बुलेंस व चालकों का हो परीक्षण
पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा समय समय पर स्कूल व यात्री वाहन की जांच पड़ताल की जाती है. उसके चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. ताज्जुब की बात तो यह है कि एम्बुलेंस सेवा को संवेदनशील माना जाता है. इसके चालक पर मरीज के साथ साथ उसके परिजनों का जीवन निर्भर होता है. ऐसे में वाहन और चालक का परीक्षण भी अनिवार्य है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके.
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