Support For Our Government Is Increasing Even After The Second Term: PM Modi – सिर्फ संविधान में ही नहीं, भारत के जीन में भी है लोकतंत्र : पीएम मोदी
नई दिल्ली :
अपने दूसरे कार्यकाल के अंत तक सबसे लोकप्रिय सरकारें भी समर्थन खोने लगती हैं. दुनिया में भी पिछले कुछ सालों में सरकारों के प्रति असंतोष बढ़ा है. भारत एक अपवाद के रूप में खड़ा है, जहां हमारी लोकप्रिय सरकार के लिए समर्थन बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रसिद्ध पत्रिका न्यूजवीक (Newsweek) को दिए गए एक खास इंटरव्यू में यह बात कही.
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न्यूजवीक की ओर से पीएम मोदी से उनके नेतृत्व में हुई भारत की आर्थिक प्रगति, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, पर्यावरण से जुड़े मामलों, चीन के साथ भारत के रिश्ते और कथित तौर पर प्रेस की स्वतंत्रता में कटौती किए जाने के अलावा मुसलमानों को साथ लेकर नहीं चलने जैसे आरोपों और आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर लिखित सवाल पूछे गए. इन सवालों के उन्होंने सिलसिलेवार जवाब दिए.
आगामी लोकसभा चुनाव
पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे पास अपने वादों को पूरा करने का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है. यह लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है, क्योंकि वे ऐसे वादे सुनने के आदी थे जो कभी पूरे नहीं होते थे. हमारी सरकार ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के आदर्श वाक्य के साथ काम किया है.
उन्होंने कहा कि, लोगों को भरोसा है कि अगर हमारे कार्यक्रमों का लाभ किसी और को मिला है तो उन तक भी पहुंचेगा. लोगों ने देखा है कि भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. अब देश की आकांक्षा है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने.
लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता
पीएम मोदी ने कहा कि, हम एक लोकतंत्र हैं, केवल इसलिए नहीं कि हमारे संविधान में ऐसा कहा गया है, बल्कि इसलिए भी कि यह हमारे जीन में है. भारत लोकतंत्र की जननी है. तमिलनाडु के उत्तरामेरूर में आप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में 1100 से 1200 साल पुराने शिलालेख देख सकते हैं. दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में 2019 के आम चुनावों में 600 मिलियन से अधिक लोगों ने मतदान किया. अब कुछ महीनों में 970 मिलियन से अधिक पात्र मतदाता अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे. पूरे भारत में 10 लाख से अधिक पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. मतदाताओं की लगातार बढ़ती भागीदारी भारतीय लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था का बहुत बड़ा प्रमाण है.
उन्होंने कहा कि, भारत जैसा लोकतंत्र केवल इसलिए आगे बढ़ने और काम करने में सक्षम है क्योंकि वहां एक फीडबैक का एक जीवंत तंत्र है. हमारा मीडिया इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हमारे यहां करीब 1.5 लाख रजिस्टर्ड मीडिया प्रकाशन और सैकड़ों समाचार चैनल हैं.
भारत और पश्चिम में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने भारत के लोगों के साथ अपनी विचार प्रक्रियाओं, भावनाओं और आकांक्षाओं को खो दिया है. यह लोग वैकल्पिक वास्तविकताओं के अपने इको चैंबर में भी रहते हैं. वे मीडिया की स्वतंत्रता कम होने के असंगत संदिग्ध दावों के साथ लोगों को अपने साथ जोड़ते हैं.