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Bhojshala ASI Survey Update on 18th Day Kamal Maulana Masjid and Saraswati Mandir Dhar Dispute ANN


Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के इंदौर बेंच के आदेश पर भोजशाला में एएसआई टीम ने बीते माह 22 माह से सर्वे का काम शुरू किया था. भोजशाला में एएसआई की टीम के सर्वे का आज सोमवार (8 अप्रैल) को 18वां दिन है. 

आज सुबह एएसआई की सर्वे टीम के 18 अधिकारी, 33 से मजदूरों के साथ भोजशाला पहुंचे. सर्वे के दौरान भोजशाला  परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पूरे सर्वे का वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी की जा रही है. 

अक्कल कुईया के भोजशाला में होने का दावा
आपको बता दें, बिहार के नालंदा स्थित तक्षशिला और इलाहाबाद किले के बाद, अक्कल कुईया (कुएं) के भोजशाला में होने का दावा किया जाता रहा है. इसी अक्कल कुईया का एएसआई की टीम ने 17वें दिन रविवार को सर्वे किया. 

यह कुईया वर्तमान में कमाल मौलाना दरगाह परिसर में मौजूद है. यह दूसरा मौका है जब एएसआई की टीम भोजशाला से लगे दरगाह परिसर में पहुंची और सर्वे किया है. अक्कल कुईया के स्ट्रक्चर की मैपिंग के साथ वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी करवाई गई.

सर्वे टीम ने शिलालेखों का किया मुआयना
इसके अलावा एएसआई की टीम ने धार किले में जाकर शिलालेख और भोजशाला के मुख्य प्रवेश द्वार की बाई ओर की दीवार पर जो शिलालेख लगे हुए हैं, उनके सर्वे किया. यह राजा भोज के समय के बताए जा रहे है. इसी तरह के कुछ शिलालेख धार के किले में रखा हुआ हैं. 

सर्वे टीम ने किले में रखे शिलालेख को देखने के साथ इनकी लिखावट और बनावट को परखा रही है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद धार किले में स्थित संग्रहालय ही ऐसा है जो करीब 110 साल पहले अंग्रेजों के समय स्थापित हुआ था. यह शिलालेख कब का है और कब रखे गए हैं, इसकी भी सर्वे टीम जानकारी जुटा रही है.

क्या है धार भोजशाला को लेकर विवाद?
हिंदू समाज धार जिले में स्थित एसआई द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी के स्मारक भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर होने का दावा कर रहा है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बता रहा है. 

इस विवाद को देखते हुए 7 अप्रैल 2003 को एएसआई द्वारा यहां एक व्यवस्था बनाई गई थी. इस व्यवस्था के तहत हिंदू समुदाय हर मंगलवार को भोजशाला परिसर में सुबह से शाम तक पूजा करने की अनुमति दी गई है, जबकि मुस्लिम समुदाय हर शुक्रवार को परिसर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करने की इजाजत दी गई.

कई बार हो चुका है धार्मिक उन्माद
दोनों समुदाय लंबे समय भोजशाला में मंदिर और मस्जिद होने का दावा कर रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर कई बार धार्मिक उन्माद भी पैदा हुआ है. इस सर्वे को रोकने के लिए एमपी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए बीते दिनों मुस्लिम समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सु्प्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.

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