Bhilwara Lok Sabha Election 2024 Candidates contest between CP Joshi Damodar Aggarwal ann
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: भीलवाड़ा में पूर्व सांसद और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और बीजेपी नेता दामोदर अग्रवाल के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है.
अब बड़ा सवाल ये है उठ रहा है कि राजस्थान में सबसे बड़ी जीत दर्ज करवाने वाले तीन बार के सांसद सुभाष बहेड़िया का टिकट आखिर क्यों काटा गया? क्या वजह रही की बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली सीट पर अंतिम नवी लिस्ट में उम्मीदवार की घोषणा करने पर मजबूर होना पड़ा. निवर्तमान सांसद सुभाष बहेड़िया को फिर से उम्मीदवार नहीं बनाने के पीछे क्या कारण रहे.
बहेडिया का राजनीतिक सफर
निवर्तमान सांसद सुभाष बहेड़िया ने चार बार लोकसभा चुनाव लड़ा और तीन बार जीते. बहेड़िया ने पहला चुनाव साल 1996 में जीता. इसके बाद एक चुनाव हार गए थे. हालांकि, साल 2014 व 2019 का चुनाव लगातार जीते. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बहेड़िया ने 6 लाख 12 हजार मतों से जीत दर्ज की थी, जो राजस्थान में सबसे बड़ी जीत थी. इसके बावजूद भी टिकट कटने से उनके समर्थकों में निराशा है. वहीं वो लोग काफी खुश हैं, जिन्होंने उनको टिकट नहीं देने के लिए मोर्चा खोल रखा था.
विचार मंच के पत्र से कटा टिकट
लोकसभा चुनाव 2024 के रण में बीजेपी में अंतर खाने पूर्व प्रत्याशियों के खिलाफ असंतोष देखने को मिला ऐसा ही मामला भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर भी देखने को मिला, भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले निवर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया के खिलाफ आर एस एस और हिंदू संगठनों द्वारा समर्थित विचार मंच ने खुलकर विरोध दर्ज करवाया था.
चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी
विचार मंच समर्थित भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने बताया कि सुभाष बहेडिया के खिलाफ उन्होंने बीजेपी आलाकमान को पत्र लिखकर दामोदर अग्रवाल का समर्थन किया था, वहीं सुभाष बहेडिया को प्रत्याशी बनाए जाने की सुगबुगाहट के चलते विचार मंच और हिंदू संगठनों द्वारा अलग अलग बैठक शुरू की थी, वहीं भीलवाड़ा का प्रसिद्ध धर्म स्थली पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत त्यागी लक्ष्मण दास द्वारा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करने के साथ ही बीजेपी की नींद उड़ गई थी, जिसके चलते विधायक के पत्र को प्राथमिकता देते हुए उम्मीदवार परिवर्तित किया गया.
दामोदर अग्रवाल को उम्मीदवार बनाए के पीछे ये वजह
निवर्तमान सांसद बाहेड़िया इस बार भी लोकसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे, लेकिन आंतरिक विरोध के चलते उम्मीदवारी नहीं मिल पाई. सांसद बहेड़िया के खिलाफ बीजेपी संगठन में भी विरोध के सुर उठ रहे थे. बीजेपी ने लोकसभा सीट के विधानसभाओं के विधायकों से पत्र मांग कर जानकारी प्राप्त की थी, लेकिन जिले के सात में से छह बीजेपी समर्थक विधायकों ने तो खुलकर बाहेड़िया का विरोध किया था. वहीं भीलवाड़ा विधानसभा निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी और हिंदू संगठनों व विचार मंच ने खुलकर विरोध करते हुए 69 वर्षीय अग्रवाल का समर्थन किया था.
खुलकर विरोध किया गया था
भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी, मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल, जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, सहाड़ा विधायक लादू लाल पितलिया, शाहपुरा विधायक लालाराम बैरवा और मांडल विधायक उदय लाल भडाणा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर प्रत्याशी परिवर्तन और विरोध के बारे में अगवत कराया था. प्रत्याशी परिवर्तन की मांग को लेकर आरएसएस, विचार मंच और हिंदू संगठनों ने खुलकर विरोध किया था. विधानसभा 2023 के चुनाव में भी बीजेपी प्रत्याशी विट्ठल शंकर अवस्थी का इन संगठनों द्वारा खुलकर विरोध किया गया था. लेकिन, जब कोई हल नहीं निकला था तो आरएएस विचार मंच के गो सेवक अशोक कोठारी को निर्दलीय रण में उतार दिया और वो भीलवाड़ा से चुनाव जीते.
इस लिए पार्टी ने बहेड़िया का काटा टिकट
ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव में कोई गलती नहीं करना चाहती थी. इस कारण बहेड़िया की जगह दामोदर पर विश्वास जताया. वैसे आमजन में भी बहेडिया को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे थे बहेडिया सरल मिलनसार छवि के सांसद थे, लेकिन भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई विशेष उपलब्धि नहीं रही थी, जिसके चलते आमजन में भी विरोध चल रहा था. यह भी माना जा रहा है कि हालिया विधानसभा चुनाव में भीलवाड़ा से बीजेपी प्रत्याशी विट्ठल शंकर अवस्थी को चौथी बार उतारने से कार्यकर्ताओं व मतदाताओं में उपजे असंतोष व हार से सबक लेते पार्टी ने बहेड़िया का टिकट काटा.
25 साल में एक बार जीती चुनाव
वैसे भीलवाड़ा में पिछले 25 साल में बीजेपी का दबदबा है. 25 साल में हुए पांच लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज एक बार साल 2009 में जीती थी. तब सीपी जोशी विजयी रहे थे और अब भी कांग्रेस ने सीपी जोशी को टिकट दिया है. ऐसे में बीजेपी नेतृत्व यहां से किसी नए चेहरे को मौका देने का प्लान बनाया. सियासी जानकारों की मानें तो इस कारण भी बीजेपी ने बहेड़िया का टिकट काटना ठीक समझा.
भीलवाड़ा से सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट
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