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Pappu Yadav Nomination on 2nd April Against RJD Bima Bharti in Purnia Caste Equation Congress Bihar Lok Sabha ElectionsANN | Lok Sabha Elections: क्या पूर्णिया सीट पर मुकाबला होगा दिलचस्प? पप्पू यादव इस दिन करेंगे नामांकन


Lok Sabha Elections 2024: देश भर में हॉट सीट कहा जाने वाला पूर्णिया लोकसभा सीट की लड़ाई को पप्पू यादव ने दिलचस्प बना दिया है. जब ‘इंडिया’ अलायंस के सभी सीटों का बंटवारा हो चुका है, तब पप्पू यादव बगैर टिकट लिए खुद को उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं और नामांकन का ऐलान कर दिया है. पूर्णिया में I.N.D.I.A अलायंस की सीट आरजेडी के खाते में है और उम्मीदवार जेडीयू की बागी बीमा भारती हैं. कांग्रेस में खुद की पार्टी का विलय कर चुके पप्पू यादव के लिए पूर्णिया सीट अब मान सम्मान की लड़ाई बन गई है. 

कांग्रेस पूर्णिया लोकसभा सीट पप्पू यादव को दिलवा पाने में असफल रही, ऐसी स्थिति में पप्पू यादव की हालत एक बगल कुआं और एक बगल खाई जैसी हो गयी है. पप्पू यादव ने ‘प्रणाम पूर्णिया’ के माध्यम से इस संसदीय क्षेत्र में कड़ी मेहनत की और माहौल भी तैयार कर लिया था.

पूर्णिया सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला?

ऐन वक्त पर पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया और उम्मीद जताई कि वो पूर्णिया से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे लेकिन तब तक आरजेडी ने जदयू से बागी विधायक और बिहार की पूर्व मंत्री बीमा भारती को पार्टी में शामिल कर लोकसभा का टिकट दे दिया. ऐसे में अब पप्पू यादव अपनी पार्टी भी विलय कर चुके और कांग्रेस का टिकट भी नहीं मिला.  

पप्पू यादव कब करेंगे नामांकन?

इधर, आरजेडी का सिंबल लिए बीमा भारती ने 3 अप्रैल को नामांकन की घोषणा की तो पप्पू यादव भी 2 अप्रैल को नामांकन के लिए अपनी तारीख का ऐलान कर दिया. वो भी कांग्रेस का नाम लगातार लेकर कह रहे हैं कि पूर्णिया में कांग्रेस को मजबूत करेंगे और 26 अप्रैल को जनता अपना मत देगी. वो दावा कर रहे हैं कि 4 जून को पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा लहराएगा.

 हालांकि पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर आलाकमान ने साफ कर दिया है और स्थानीय कांग्रेस कमेटी भी औपचारिक रूप से कांग्रेस कार्यालय में बीमा भारती के लिए काम काज शुरु कर चुकी है. पप्पू यादव के साथ कांग्रेस के कोई भी नहीं दिख रहे. 

पूर्णिया का जातीय समीकरण?

ऐसे में पप्पू यादव का लगातार ये दावा करना कि वो पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को मजबूत करेंगे. सभी राजनीतिक विशेषज्ञों के समझ से भी ऊपर है. बात करें अगर पूर्णिया के जातीय समीकरण की तो पप्पू यादव निर्दलीय रूप से भी मजबूत दिखते हैं और 2 बार निर्दलीय पूर्णिया के सांसद भी रहे हैं. 16 लाख से अधिक वोटर्स वाले पूर्णिया लोकसभा सीट पर कमोबेश मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख के आसपास है और यादव समाज डेढ़ लाख के करीब हैं. ऐसे में अगर पप्पू यादव चुनावी मैदान में उतरेंगे तो चुनाव त्रिशंकु होने की पूरी संभावना है और आंकड़ों के मुताबिक नुकसान इंडिया अलायंस को ही होगा.

आरजेडी ने क्यों किया पप्पू यादव को साइड लाइन?

अगर बात करें आरजेडी की तो कभी पार्टी के सबसे चहेते रहे पप्पू यादव ने 2015 में खुद की पार्टी बनाकर बिहार की राजनीति में विकल्प की शुरुवात की थी. माना जा रहा था कि 2025 के विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी अहम रोल प्ले कर सकती है. ऐसा भी माना जा रहा है कि 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव में उस वक्त पप्पू यादव का बिहार में जनाधार आरजेडी के लिए सिरदर्द ना हो इसलिए लालू यादव ने पप्पू यादव को साइड लाइन कर दिया.

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