UP Lok Sabha Elections 2024 BSP candidate contest Fatehpur Sikri seat with Brahmin Dalit alliance equation ann
UP Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अब अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार रहे हैं और लोकसभा चुनाव फतह करने की जिम्मेदारी सौंप रहे हैं. सभी राजनीतिक दल बड़े सोच विचार कर अपने-अपने प्रत्याशी तय कर रहे हैं, जिससे उनको अधिक से अधिक चुनाव में सफलता मिल सके. सभी दल लोकसभा सीटों के समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों का चयन कर रहे हैं. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन में अस्तित्व में आई थी और 2009 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. पहले ही लोकसभा चुनाव में बसपा ने फतेहपुर सीकरी से बाजी मारी थी.
2009 लोकसभा चुनाव में बसपा ने सीमा उपाध्याय को अपना प्रत्याशी बनाया था. सीमा उपाध्याय उस दौर के बसपा नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी थीं. सीमा उपाध्याय बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़ीं और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 2009 में बसपा ने ब्राह्मण और दलित गठजोड़ पर जोर दिया था और सफलता प्राप्त की थी.
बसपा को दो बार मिली हार
2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी से एक बार फिर इसी गठजोड़ को अपनाया और सीमा उपाध्याय को फिर से प्रत्याशी बनाया पर 2014 में बसपा के हाथ हार लगी और फतेहपुर सीकरी से बीजेपी की जीत हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में फतहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर बसपा ने भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन इस बार फिर बसपा का ब्राह्मण दलित गठजोड़ का समीकरण बिगड़ गया और 2019 में फिर एक बार सफलता बीजेपी के हाथ लगी.
ब्राह्मण और दलित गठजोड़ आएगा काम?
अब 2024 का लोकसभा चुनाव है और एक बार फिर से बसपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर इसी समीकरण (ब्राह्मण और दलित गठजोड़) को अपनाया है. बसपा ने राम निवास शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. बसपा ने राम निवास शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट को फतह करने की जिम्मेदारी सौंपी है. अब यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि कौन सा समीकरण कितना सटीक बैठा और किसके हाथ बाजी लगी और किसको हार का सामना करना पड़ा.
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर ब्राह्मण वोट की संख्या अच्छी मानी जाती है साथ ही दलित वोट की संख्या भी अच्छी है. इसी समीकरण को बसपा ने ध्यान में रखते हुए ब्राह्मण और दलित गठजोड़ को फिर से मैदान में उतारा है और 2009 जैसा नजार पाने की उम्मीद जताई है. यह तो आने वाला वक्त ही बताया कि किस को जीत मिलेगी और कौन हार का सामना करेगा.