Need India To Restore Peace In Ukraine War With Russia Says Foreign Minister Dmytro Kuleba – Exclusive: शांति बहाली के लिए हमें भारत की जरूरत – रूस के साथ जंग पर बोले यूक्रेन के विदेश मंत्री
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भारत दौरे पर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे. अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान कुलेबा ने गुरुवार को NDTV से खास बातचीत की. इंटरव्यू के दौरान यूक्रेनी नेता ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को सीट दिलाने की जरूरत, भारत-रूस और भारत-यूक्रेन संबंधों पर विस्तार से अपनी राय रखी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में भारत-रूस की दोस्ती और रूस-यूक्रेन जंग को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत और रूस एक-दूसरे के हितों का खास ख्याल रखते हैं, लेकिन हमने रूस को जंग को लेकर साफ मैसेज भी दिया है. जयशंकर के इस बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-रूस संबंध सोवियत विरासत पर आधारित है, जो विलुप्त होने की कगार पर है. इनका कोई भविष्य नहीं है.
रूस-यूक्रेन जंग को रोकने में भारत की अहम भूमिका
रूस-यूक्रेन जंग को रोकने में यूक्रेन मौजूदा स्थिति में भारत से क्या चाहता है? इसके जवाब में कुलेबा ने कहा, “भारत उस जंग को रोकने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकता है, जो अब दो साल से अधिक समय से चल रहा है.”
यूक्रेन के विदेश मंत्री कहते हैं, “भारत ग्लोबल साउथ से ज्यादा राष्ट्रों को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभा सकता है. अगर भारत ‘Peace Formula’ की मेज पर बैठता है, तो जंग का राजनयिक हल खोजने के लिए यूक्रेन ने जो पहल की है, उसके बाद कई अन्य राष्ट्र भी भारत के बगल में बैठकर पहले से ज्यादा महफूज महसूस करेंगे.”
भारत के रूस से तेल खरीदने पर क्या बोले कुलेबा?
कुलेबा ने इंटरव्यू में भारत के रूस से तेल खरीदने पर यूक्रेन के रुख में आई नरमी का संकेत भी दिया. उन्होंने कहा, “चूंकि लेनदेन रुपये में किया जाता है. इसलिए इससे रूसी ‘वॉर मशीन’ को कोई फायदा नहीं पहुंचता है.”
रूस के आरोप
पिछले हफ्ते मॉस्को कॉन्सर्ट हॉल में हमले हुए, जिसमें कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया हमलावर दक्षिण यूक्रेन की ओर जा रहे थे. इस दावे पर कुलेबा ने कहा कि उनके देश को दोषी ठहराने की कोशिश कोई नई बात नहीं है. इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए.
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, “आपको रॉकेट साइंटिस्ट बनने की जरूरत नहीं है. अगर ऐसा कुछ है, जिसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़र में यूक्रेन को बदनाम करने के लिए किया जा सकता है, अगर ऐसा कुछ है, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ अधिक रूसियों को संगठित करने के लिए किया जा सकता है, तो यह किया जाएगा. रूसी नेतृत्व ने यही रवैया और यही नजरिया अपनाया है. वे पूरी दुनिया से झूठ बोलते रहे कि वे यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमले किए थे. रूस हर वक्त हर मंच पर झूठ बोलता है.”
दुनिया में गलत चीजों को ठीक करने में शामिल रहेगा अमेरिका
उन्होंने कहा कि इजरायल-गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध एक साथ चलने के बावजूद उनके देश को यूरोप और अमेरिका से मदद मिली है. कुलेबा ने कहा, “F-16 फाइटर प्लेन जल्द ही कीव पहुंचेंगे… संयुक्त राज्य अमेरिका में एक बहस चल रही है और हम सभी इसे फॉलो कर रहे हैं. लेकिन मैं समझता हूं कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों को यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखना चाहिए… अगर कोई चाहता है कि अमेरिका खुद को पूरी तरह से अलग कर ले और पूरी तरह से घरेलू मुद्दों पर फोकस करे, तो यह बिल्कुल असंभव है. दुनिया इस तरह से काम नहीं करती है. इसलिए अमेरिका दुनिया में गलत चीजों को ठीक करने में शामिल रहेगा.”
हालांकि, यूक्रेनी मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघर्ष कर रहा है. क्योंकि संगठन के अंदर शक्ति का संतुलन टूटा हुआ है. अब चीजों को बदलने की जरूरत है.
UNSC में भारत को स्थायी सीट
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने इस दौरान भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परमानेंट सीट की वकालत भी की. कुलेबा कहते हैं, “दुनिया में युद्ध के परिणामस्वरूप होने वाली हर नई मौत संयुक्त राष्ट्र के ताबूत में एक और कील है. बेशक संयुक्त राष्ट्र जंग रोकने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता. क्योंकि प्रमुख हितधारकों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही है. हमें इसे बदलने की जरूरत है. मुझे पूरा भरोसा है कि रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर होना चाहिए. भारत को इसमें शामिल होना चाहिए. अन्य देशों को स्थायी सदस्य बनना चाहिए”.
क्या यूक्रेन लौट सकेंगे मेडिकल छात्र?
मौजूदा स्थिति में क्या भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स यूक्रेन वापस लौट सकते हैं? इसके जवाब में कुलेबा ने भारत-यूक्रेन संबंधों के महत्व के उदाहरण के रूप में एक महीने पहले एक भारतीय डॉक्टर द्वारा इलाज किए जाने का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, “यह एक भारतीय युवा महिला थी, जिसने यूक्रेन में पढ़ाई की थी. वो युद्ध के दौरान भी यूक्रेन में रुकी थी. आपको यह समझना होगा कि कई भारतीय छात्र अपने समुदायों की मदद करने के लिए यूक्रेन में पढ़ाई के बाद भारत वापस आ जाते हैं, जबकि अन्य वहीं रह जाते हैं और हमारे समुदाय, हमारे समाज का हिस्सा बन जाते हैं.”
उन्होंने जोर देकर कहा, “हमने विदेशी छात्रों को यूक्रेन के अन्य हिस्सों में स्टडी करने की परमिशन देने के लिए उपाय किए. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम उन्हें अपने समाज का हिस्सा मानते हैं. हम अपने द्विपक्षीय सहयोग के इस हिस्से को बहुत महत्व देते हैं.”