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Lakhvinder Singh Rana Rebels Against BJP Says Leaving Congress Was Mistake Lok Sabha Elections ANN


Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ 6 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है. तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी जल्द ही उपचुनाव की घोषणा हो सकती है. ऑपरेशन लोटस के पहले कदम को सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी भारतीय जनता पार्टी की परेशानियां भी कुछ कम नहीं हैं. 

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से आए बागी नेताओं को अपना प्रत्याशी तो बना दिया है, लेकिन अब एक के बाद एक भाजपा के अंदर ही बगावत का बिगुल बजता हुआ नजर आ रहा है.

कांग्रेस न छोड़ता तो विधायक के साथ बनता मंत्री- राणा
नालागढ़ में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले लखविंदर राणा ने हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के सामने ही कड़ा रुख अख्तियार कर बागवाती बातें की. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वह खुलेआम बगावती तेवर दिखाते हुए नजर आए. 

वीडियो में नजर आ रहा है कि इस दौरान डॉ. राजीव बिंदल पूरी तरह शांत बैठकर सब कुछ सुनते रहे. लखविंदर राणा ने कहा कि साल 2022 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर गलती कर दी. अगर वह कांग्रेस न छोड़ते, तो विधायक के साथ मंत्री भी बनते. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व के साथ उनके ऐसे संबंध थे कि उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाता.

‘भाजपा ने बागी विधायकों पर करोड़ों रुपए किए खर्च’
भारतीय जनता पार्टी के नेता लखविंदर राणा ने हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के सामने ही कहा कि भाजपा ने बागी विधायकों पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए. ऐसे भ्रष्टाचारी नेता को दोबारा भाजपा में लिया गया है, जिन्होंने 15 महीने पहले ही भाजपा को गालियां दी.

लखविंदर राणा ने कहा कि आज पार्टी ने उनकी कदर नहीं की और निर्दलीयों को सिर पर बिठा लिया. लखविंदर राणा ने यह भी कहा कि आने वाले वक्त में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का भविष्य सुरक्षित नहीं है. राणा ने कहा कि भाजपा आलाकमान ने जो फैसला लिया है, वह गलत है.

कृष्ण लाल ठाकुर की जगह राणा को मिली थी टिकट
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से नालागढ़ भाजपा मंडल में बैठक आयोजन किया गया था. इसी बैठक में हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल पहुंचे हुए थे. इस बैठक के दौरान जब लखविंदर राणा की बोलने की बारी आई, तो उन्होंने राजीव बिंदल के सामने ही पार्टी को खरीफ होती सुना दी. 

गौरतलब है कि लखविंदर राणा साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पर भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा ने अपने ही नेता कृष्ण लाल ठाकुर का टिकट काटकर चुनावी मैदान में उतार दिया. इसके बाद कृष्ण लाल ठाकुर आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में कूद पड़े और जीत हासिल कर ली. राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल में हुई सियासी उठापटक के बाद कृष्ण लाल ठाकुर ने बतौर विधायक इस्तीफा दे दिया. 

जल्द ही यहां विधानसभा चुनाव उपचुनाव की घोषणा होने वाली है. भाजपा ने कांग्रेस के सभी छह बागी नेताओं को अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी इस्तीफा देने वाले विधायकों को ही दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने की प्रबल संभावना है. इसी से नालागढ़ में भाजपा के नेता लखविंदर राणा नाराज हैं.





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