Arvind Kejriwal Arrested Figures Related To ED Investigation After 2014 Show 95 Percent Cases Are Against Opposition Leaders
ED Cases Against Opposition Leaders: दिल्ली की आबकारी नीति (2021-22) से जुड़े धनशोधन के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें गुरुवार (21 मार्च) रात गिरफ्तार किया गया और ईडी के दफ्तर ले जाया गया.
22 मार्च को ईडी सीएम केजरीवाल की हिरासत की मांग कोर्ट से करेगी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी 2014 के बाद से बीजेपी नीत एनडीए शासन के तहत संगठन के दायरे में आने वाले विपक्षी दलों के एक बड़े पैटर्न में फिट बैठती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सितंबर 2022 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट अदालती रिकॉर्ड, एजेंसी के बयानों, दर्ज मामलों, गिरफ्तार किए गए, छापे मारे गए या पूछताछ किए गए राजनेताओं की रिपोर्ट के अध्ययन पर आधारित थी.
रिपोर्ट में बताया गया था कि पहले के यूपीए शासनकाल के मुकाबले कैसे 2014 के बाद से राजनेताओं के खिलाफ ईडी के मामलों में चार गुना बढ़ोतरी हुई. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी 2014 में पहली बार देश की सत्ता में आई थी.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2014 और 2022 के बीच 121 प्रमुख नेता ईडी जांच के दायरे में आए थे. उनमें से 115 (95 फीसद) विपक्षी नेता थे, जिन पर मामला दर्ज किया गया, छापेमारी की गई, पूछताछ की गई या गिरफ्तार किया गया.
वहीं, 2004 से 2014 तक यूपीए शासन के दौरान ईडी ने 26 नेताओं की जांच की, जिनमें 14 विपक्षी नेता थे, यानी आधे से ज्यादा या 54 फीसद.
ईडी मामलों में इजाफे का कारण
रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि का मुख्य कारण धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) है. एक कानून को 2005 में लागू होने के बाद से मजबूत किया गया है.
कड़ी जमानत शर्तों के साथ इस कानून के प्रावधान अब ईडी को आरोपियों को गिरफ्तार करने और उनकी जायदाद और संपत्तियां कुर्क करने की शक्ति प्रदान करते हैं. यह कानून एक जांच अधिकारी के सामने दर्ज किया गया बयान सबूत के रूप में अदालत में स्वीकार्य बनाता है.
विपक्ष के आरोपों पर ईडी का जवाब
विपक्ष की ओर से ईडी को मुद्दे को संसद में कई बार उठाया गया है लेकिन प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर चुका है. उसका कहना है कि ईडी की कार्रवाई गैर-राजनीतिक है और अन्य एजेंसियों या राज्य की पुलिस की ओर से पहले दर्ज किए गए मामलों से उत्पन्न होती है.
2014-सितंबर 2022 के बीच इन पार्टियों के इतने नेताओं के खिलाफ ईडी जांच
रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 और सितंबर 2022 के बीच ईडी की जांच के दायरे में आए पार्टीवार विपक्षी नेताओं में कांग्रेस के 24, टीएमसी के 19, एनसीपी के 11, शिवसेना के 8, डीएमके के 6, बीजेडी के 6, आरजेडी के 5, बीएसपी के 5, समाजवादी पार्टी के 5, टीडीपी 5, आम आदमी पार्टी के 3, आईएनएलजी के 3, वाईएसआरसीपी के 3, सीपीएम के 2, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2, पीडीपी के 2, Ind के 2, एआईएडीएमके का 1, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का 1, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का 1 और बीआरएस का 1 नेता शामिल है.