Ambikapur Ghunghutta Dam water reached near dead line ahead of summer ANN
Ambikapur News. सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में पिछले कुछ वर्षों से गर्मी के दौरान जल संकट की समस्या पैदा होने लगती है. इस साल भी पूरे शहर को सप्लाई करने वाला डैम का पानी डेड लाइन के करीब पहुंच गया है. गर्मी आने से पहले डैम में जल भराव डेड स्टोरेज क्षमता के आस पास हो गया. डैम का पानी तकिया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहर की पानी टंकियों में भेजा जाता है और फिर टंकियों का पानी नगर निगम के वार्डो में भेजा जाता है. कुछ दिन पहले कलेक्टर ने शहर को पानी सप्लाई करने वाले डैम और ट्रीटमेंट प्लांट का जायजा लिया था.
जल संकट से उबरने का नहीं है ठोस प्लान
जल संसाधन और पीएचई के अधिकारियों भी कलेक्टर संग मौजूद रहे थे. जल संकट से उबरने का कोई ठोस पहल होते दिखाई नहीं दे रही है. नगर निगम इलाके में जल आपूर्ति का सबसे बड़ा डैम घुनघुट्टा का जल स्तर 580.55 मीटर है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घुनघुट्टा डैम की डेड स्टोरेज क्षमता 19.95 एमसीएम, लाइव स्टोरेज क्षमता 62.05 एमसीएम है. डैम में वर्तमान जल भराव 53 एमसीएम मतलब करीब 85 प्रतिशत पानी है. डैम से निकलने वाली लेफ्ट बैंक केनाल 36 किलोमीटर और राइट केनाल की लम्बाई 34 किलोमीटर है.
गर्मी में कैसे बुझेगी अंबिकापुर की प्यास?
डैम की सिंचाई क्षमता खरीफ के मौसम में 7650 हेक्टयर और रबी के सीजन में 5400 हेक्टयर है. कुछ साल पहले तक अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डो में बाकी डैम से पानी की सप्लाई की जाती थी. उस समय कतकालो स्थित वाटर ट्रीटमेंट नहीं बना था. इसलिए घुनघुट्टा डैम से निगम के इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं होती थी. तब बाकी डैम का पानी तकिया गांव स्तिथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहर में सप्लाई होता था. लेकिन एक ट्रीटमेंट प्लांट और एक डैम के पानी से पूरे शहर में सप्लाई नहीं हो पाती थी.
जिसकी वजह से पिछले कुछ वर्षों के दौरान शहर में जल संकट बना रहता है. नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कम बारिश की वजह से बाकी डैम में फिलहाल 12 प्रतिशत पानी बचा है. तकिया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 17.50 एमएलडी की जगह 8 एमएलडी पानी की जी सप्लाई की जा रही है. राहत की बात है कि घुनघुट्टा डैम से कतकालो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आने वाले पानी से 15 एमएलडी यानी पूरी क्षमता की सप्लाई नगर निगम इलाके में की जा रही है. लेकिन पूरे शहर की प्यास बुझाने के लिए जिस बाकी डैम में पानी की अवश्यकता है. उसमें पानी उतना नहीं है कि पूरी गर्मी जल संकट से बचा जा सके.
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