Udaipur mohanlal sukhadia university 327 employees removed from job 3 months salary also outstanding ann
Mohanlal Sukhadia University News: एक तरफ राजनीति से जुड़े लोग लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और युवाओं से जुड़े बेरोजगारी दूर करने के वादे कर रहे हैं, लेकिन उदयपुर में एक आदेश के जरिए 327 लोगों को नौकरी से हटा दिया गया है. मामला उदयपुर संभाग की सबसे बड़ी मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से जुड़ा है.
यहां संविदा पर भर्ती होने के बाद एक बोर्ड के जरिए वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को हटाया है. इससे यूनिवर्सिटी का काम तो ठप हुआ ही है, वहीं सभी एक आदेश से बेरोजगार हो गए हैं. यही नहीं सभी का 3 माह का वेतन भी बकाया है, जबकि होली आने वाली है. जानिए क्या है मामला.
संविदा पर भर्ती हुई और अब एक बोर्ड में शामिल किया
कर्मचारियों ने एबीपी लाइव से बात करते हुए कहा कि संविदा पर भर्ती की गई थी, उसके बाद वर्ष 2017 में एक स्व वित्तीय पोषण सलाहकार मंडल बनाया जिसमें हमें लिया गया. इसके लिए बकायदा एड निकाला गया. हमने इंटरव्यू दिया, पूरी प्रोसेस करने के बाद हमें नौकरी मिली. इसमें कुछ पहले से कार्यरत हैं तो कुछ पिछले 4 साल से कार्य कर रहे हैं.
मंडल (बोर्ड) बनने के बाद हम काम कर रहे थे कि मंगलवार (19 मार्च) शाम को उच्च शिक्षा विभाग से एक आदेश आया जिसमें लिखा कि बोर्ड की अनियमितता है, जिससे सभी की सेवाएं निरस्त की जाती हैं. एक आदेश से 327 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. यही नहीं 3 माह का वेतन भी बकाया है.
यूनिवर्सिटी का काम हुआ प्रभावित
कर्मचारियों ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने हम कर्मचारी प्रत्येक विभाग में लगे हुए हैं. एक तरफ से हम यूनिवर्सिटी की रीढ़ की हड्डी है. जितने सरकारी कर्मचारी हैं, लगभग उतनी ही संख्या हमारी है. यूनिवर्सिटी का काम पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. बड़ी बात तो यह कि यूनिवर्सिटी ने 15 हजार छात्र हैं. अभी छात्रों की परीक्षा चल रही है. उसमें भी काम प्रभावित हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे साथ कितने परिवार जुड़े हुए हैं और कितने ही वोटर्स हैं. चुनाव आने वाले हैं. उसमें हम भी सरकार को दिखाएंगे.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि 3 माह का बकाया वेतन दिया जाए नहीं तो हमारी काली होली होगी क्योंकि सभी की आर्थिक स्थिति कमजोर है. साथ ही मांग रखी कि सरकार स्पष्ट करे कि हमें क्या करना है, नौकरी करनी है या नहीं.
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