Lok Sabha Election 2024 Firozabad Lok Sabha Seat History And Political Back Ground Ann
Firozabad News: दुनिया भर में कांच उद्योग के लिए विश्व विख्यात फिरोजाबाद की पहचान सुहाग नगरी के नाम से भी होती है. फिरोजाबाद जनपद 5 फरवरी 1989 को अस्तित्व में आया आगरा जनपद की एक तहसील फिरोजाबाद और मैनपुरी जनपद की दो तहसील शिकोहाबाद और जसराना को मिलाकर फिरोजाबाद जिला बनाया गया. बेशक फिरोजाबाद जनपद 1989 में अस्तित्व में आया लेकिन लोकसभा फिरोजाबाद 1957 से लगातार अपने सांसद प्रतिनिधित्व के लिए संसद में भेज रही थी.
फिरोजाबाद लोकसभा की तस्वीर आगरा जनपद की लोकसभा के तौर पर होती थी. फिरोजाबाद विधानसभा और शिकोहाबाद विधानसभा के साथ आगरा की बाह फतेहाबाद, खेरागढ़ विधानसभा को मिलाकर फिरोजाबाद लोकसभा बनी थी. सन 1957 से शुरू हुए फिरोजाबाद लोकसभा पर चुनाव में सबसे पहले निर्दलीय सांसद के तौर पर ब्रजराज सिंह चुनकर संसद पहुंचे. 2008 के परिसीमन से पहले इस सीट पर राम मंदिर लहर में 1991 में प्रभु दयाल कठेरिया लगातार तीन बार सांसद चुने गए और बीजेपी का दबदबा रहा, तो कभी सोशलिस्ट पार्टी का, तो कभी जनता दल आखिर में आते-आते यह सीट समाजवादी पार्टी के रामजीलाल सुमन के खाते में 1999 और 2004 में गई. हालांकि इससे पहले रामजीलाल सुमन दो बार पहले भी इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे. उन्होंने 1977 में बीकेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा तो 1991 में जनता दल के समाजवादी पार्टी के गठन के बाद इस सीट पर समाजवादी मोहर लग गई.
2008 से पहले फिरोजाबाद की जनता चुनती थी तीन सांसद
1989 में अस्तित्व में आए फिरोजाबाद जनपद की विधानसभाएं अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों का हिस्सा हुआ करती थी फिरोजाबाद लोकसभा में जनपद की फिरोजाबाद और शिकोहाबाद विधानसभा थी तो इस लोकसभा को पूरा करने के लिए बाह,खेरागढ़ और फतेहाबाद आगरा की विधानसभा मिलकर इस सीट को पूरा करती थी. फिरोजाबाद जनपद की टूंडला विधानसभा जलेसर लोकसभा का हिस्सा हुआ करती थी और टूंडला विधानसभा अपना सांसद जलेसर में चुनती थी. जनपद की जसराना विधानसभा मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अपना सांसद चुनकर संसद भेजती थी.
इस तरह जनपद फिरोजाबाद के मतदाता अपने तीन सांसदों का तीन लोकसभा क्षेत्र में चुनाव करते थे और जनपद की जनता का दबदबा तीन लोकसभा क्षेत्र में होता था. फिरोजाबाद की टूंडला विधानसभा जनता ने जलेसर लोकसभा क्षेत्र से 1989 में चौधरी मुल्तान सिंह को सांसद चुना, वे जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े थे. साल 1991 में फिरोजाबाद की जनता ने जलेसर लोकसभा क्षेत्र पर स्वामी सुरेशानंद को भाजपा की टिकट पर विजयी बनाया तो 1996 में भाजपा की टिकट पर जलेसर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े ओमपाल सिंह निडर संसद पहुंचे. उसके बाद 1998 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल जलेसर लोकसभा से सांसद चुने गए. सन 1999 और 2004 में भी एसपी सिंह बघेल सपा के टिकट पर यह करिश्मा लगातार करते रहे.
फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभाएं शिकोहाबाद और फिरोजाबाद के मतदाताओं ने 1989 में जनता दल के प्रत्याशी रामजीलाल सुमन को अपना सांसद चुना 1991 से 1998 तक प्रभु दयाल कठेरिया भाजपा सांसद के तौर पर फिरोजाबाद लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे. वहीं 1999 और 2004 में रामजीलाल सुमन समाजवादी पार्टी का परचम लहराते हुए संसद पहुंचे. फिरोजाबाद जनपद की जसराना विधानसभा मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अपने सांसद का चुनाव करती रही.
साल 1989 में जनता दल के प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह को जसराना की जनता ने जनादेश दिया और मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अपना दबदबा कायम रखा. 1991 में उदय प्रताप सिंह फिर चुनाव लड़े लेकिन इस बार जनता पार्टी की टिकट पर जीते. इसके बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैनपुरी लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीते 1998 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चौधरी बलराम सिंह यादव को मौका दिया गया और वह 1998, 1999, लगातार दो बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनकर संसद पहुंचे. 2004 में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह मैनपुरी से सांसद बने और जब उन्होंने यह सीट छोड़ी तो उन्होंने अपने भतीजे धर्मेंद्र यादव को यहां से चुनाव लड़ाया और वह संसद पहुंचे.
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