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If There Is No Election Bond, Black Money Will Come In Elections Union Minister Nitin Gadkari Told NDTV – चुनावी बॉन्ड न हुआ तो इलेक्शन में आएगा कालाधन : NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से बातचीत में बोले नितिन गडकरी



नागपुर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ एक ख़ास इंटरव्‍यू में विभिन्‍न मुद्दों के साथ ही चुनावी बॉन्‍ड (Electoral Bond) को लेकर भी मुखरता से जवाब दिया. गडकरी ने कहा कि चुनावी बॉन्‍ड न हो तो इलेक्‍शन में कालाधन (Black Money) आएगा. साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए कि चुनावी बॉन्‍ड से बेहतर क्‍या है. उन्‍होंने कहा कि यदि आप बॉन्‍ड को स्‍वीकृति नहीं देंगे तो लोग नंबर दो में पैसे लेंगे. 

गडकरी ने कहा, “चुनाव में पैसा लगता है, सभी पार्टियों का लगता है और आप यदि इकोनॉमी को अच्‍छा करेंगे, नंबर एक पर ले जाएंगे तो बॉन्‍ड के रूप में नंबर एक में पॉलिटिकल पार्टी को फाइनेंस होता है, इसी भावना के साथ योजना बनी थी. तब अरुण जेटली जी वित्त मंत्री थे. इसमें गलत क्‍या था.” हालांकि उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर मैं कोई टिप्‍पणी नहीं करूंगा. 

गडकरी ने कहा, “अगर आप बॉन्‍ड को स्‍वीकृति नहीं देंगे तो लोग नंबर दो में पैसे लेंगे. मुझे लगता है कि सभी पार्टियों को इस तरह का सोर्स मिल जाएगा तो अच्‍छा होगा. दुनिया में भी कुछ जगहों पर पार्टियों को सरकार फाइनेंस करती हैं.”

कालेधन के सवाल पर गडकरी ने दिया ये जवाब 

उन्‍होंने चुनावी बॉन्‍ड में कालेधन को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा, “जिस पैसे से रोजगार पैदा होता है, जिस पैसे से विकास होता है और जिस पैसे से गवर्नमेंट का रेवेन्‍यू बढ़ता है, उसे हम ब्‍लैक कैसे कहें. समस्‍या है कि कोई पैसा लेकर दुनिया में कहीं दूसरी जगह डालता है.”

बेहतर ऑप्‍शन के बारे में सोचना चाहिए : गडकरी 

चुनाव के लिए सरकारी फंडिंग के सवाल पर उन्‍होंने कहा, “अरुण जेटली जी जब यह (चुनावी बॉन्‍ड) लाए थे तो विपक्ष के लोगों से भी चर्चाएं की थी. यह मेरा विषय नहीं है, लेकिन लोकतंत्र में हम आम सहमति से ऑप्‍शन ढूंढ सकते हैं, क्‍योंकि आवश्‍यकता तो है. सबसे अच्‍छा ऑप्‍शन कौनसा होगा जो लोकतंत्र को गुणात्‍मक तरीके से मजबूत करेगा तो उस बारे में सभी लोगों को सोचना चाहिए.” 

मेरे नाम, व्‍यक्तित्‍व और काम से लोग परिचित : गडकरी 

गडकरी ने कहा, “मैं 10 साल से सांसद हूं. मेरा नाम, मेरा व्‍यक्तित्‍व और मेरे काम से सभी लोग परिचित हैं तो पोस्‍टर-बैनर लगाने की जरूरत नहीं है, लेकिन मैं लोगों में जाऊंगा और उनका आशीर्वाद लूंगा. मैं यह कोशिश कर रहा हूं कि हर वार्ड में 500-600 लोगों को निमंत्रित करके, पत्र देकर एक जगह एकत्रित होंगे और उनके साथ सवाल-जवाब करूंगा, बातचीत करूंगा. उनकी क्‍या अपेक्षाएं मैंने पूरी की और क्‍या करने वाला हूं यह बताऊंगा और क्‍या करना चाहिए इस पर उनके सुझाव लूंगा. 

गडकरी ने कहा, “मैं रैली,कटाउट, बैनर, इसके बजाय मैंने अभी 18 लाख लोगों के फोन निकाले हैं. मेरे किए गए कार्य उन तक पहुंचेंगे और व्‍यक्तिगत संबंधों के आधार पर मैं अपने कैंपेन को ज्‍यादा चलाऊंगा. ये मेरी कोशिश है.” गौरतलब है कि भाजपा ने नागपुर से नितिन गडकरी को चुनावी मैदान में उतारा है.

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