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Lok Sabha Election 2024 Rajasthan Congress Three councillors join BJP in Kota ANN


Rajasthan News: राजस्थान के कोटा दक्षिण नगर निगम में कांग्रेस के तीन और पार्षद भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता हरिकृष्ण बिरला की उपस्थिति में कांग्रेस पार्षद जीतेंद्र सिंह, प्रदीप कसाना और कमलकांत शर्मा बीजेपी में शामिल हुए. इसके साथ ही कांग्रेस के एससी प्रकोष्ठ के संभागीय प्रवक्ता कैलाश चंद कराड़ और युवा कांग्रेस के जिला सचिव मौसम सिंह हाड़ा ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की.

इस दौरान नगर निगम कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी और बीजेपी की प्रदेश मंत्री अनुसूइया गोस्वामी भी मौजूद रहीं. लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह से कांग्रेस के पदाधिकारी और पार्षदों के बीजेपी में आने से कांग्रेस कमजोर होती जा रही है. इस मौके पर वरिष्ठ बीजेपी नेता हरिकृष्ण बिरला ने पार्षदों का बीजेपी में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवार हर दिन बढ़ रहा है.

पहले 7 पार्षदों ने छोड़ा कांग्रेस
कांग्रेस की रीति-नीति के कारण आज हर भारतीय बीजेपी की विचारधारा में अपना विश्वास जता रहा है. बीजेपी जहां भारत और 140 करोड़ भारतीयों की बात करती है, वहीं कांग्रेस का उद्देश्य सिर्फ एक परिवार को आगे बढ़ाना है. नगर निगम कोटा दक्षिण में नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि अब तक सात पार्षद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ चुके हैं. कोटा दक्षिण में कांग्रेस का बोर्ड अब अल्पमत में आ चुका है.

उन्होंने आगे कहा कि कुछ और कांग्रेसी पार्षद बहुत जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं. ऐसे में महापौर और उपमहापौर को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है. उन्हें नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए. पार्टी छोड़ने वाले पार्षदों ने कहा कि कांग्रेस का बोर्ड होने के बाद भी हम जनता से किए वादे पूरे नहीं करवा पा रहे. बोर्ड बनने के बाद से ही अनेक कांग्रेसी पार्षदों की उपेक्षा की जा रही है. महापौर राजीव भारती की कोई सुनवाई नहीं है, एक-दो पार्षद ही पूरे सिस्टम पर कब्जा किए हुए हैं. इस कारण शेष पार्षदों का जनता के बीच जाना भी मुश्किल हो रहा है.
 
किसके पास कितने पार्षद?
नेता प्रतिपक्ष कोटा दक्षिण विवेक राजवंशी ने बताया कि कोटा नगर निगम दक्षिण में 80 पार्षद हैं, जिसमें से वर्तमान में कांग्रेस के 36 और बीजेपी के पास 43 पार्षद और एक निर्दलीय है. ऐसे में कांग्रेस का बोर्ड अल्पमत में आ गया है और वह किसी भी प्रस्ताव को पास नहीं कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें नैतिकता के आधार पर पद से त्यागपत्र देना चाहिए, लेकिन नियमानुसार बीजेपी को बार्ड बनाने के लिए 61 पार्षदों की आवश्यकता होगी, जो उसके पास नहीं है. नए नियमों के तहत तीन चौथाई पार्षद होने चाहिए तभी बार्ड बन सकता है. 

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