Congress MLAs raised the issue of privilege motion against CM Bhagwant Mann | Punjab Budget Session: कांग्रेस विधायकों ने CM मान के खिलाफ उठाया विशेषाधिकार प्रस्ताव का मुद्दा, जानें
Punjab News: पंजाब विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का मुद्दा उठाने के बाद सदन का बहिष्कार किया. विधायक सुखविंदर कोटली ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सीएम मान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था. कोटली ने इससे पहले चार मार्च को सदन में मान पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था.
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को सुखविंदर कोटली ने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान से मुख्यमंत्री के खिलाफ लाए गए उनके विशेषाधिकार प्रस्ताव की स्थिति के बारे में पूछा, कोटली के अपनी सीट से उठने के बाद कांग्रेस के अन्य विधायक भी उनके साथ आ गए और विधानसभा अध्यक्ष से विशेषाधिकार प्रस्ताव की स्थिति के बारे में पूछा.
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोटली के खिलाफ जो कहा वह निंदनीय था, उसके बाद विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया गया. उन्होंने संधवान से प्रस्ताव पर उनके फैसले के बारे में जानकारी मांगी. तब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें उनका ज्ञापन मिला है और वह उन्हें इसके बारे में बताएंगे. विधानसभा अध्यक्ष के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों सदन से बाहर चले गए.
राजा वडिंग ने किसानों का उठाया मुद्दा
सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए आदमपुर से विधायक सुखविंदर कोटली ने कहा कि उन्होंने अपने विशेषाधिकार प्रस्ताव पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने इस पर कुछ नहीं किया. कोटली ने कहा, ‘‘इसके बाद हम सदन से बाहर चले गए. उधर, कांग्रेस ने शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कथित ‘अत्याचार’ के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार की निंदा करने के लिए पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने की सोमवार को मांग की.
विधानसभा में कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया और विधानसभा अध्यक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की. शून्यकाल के दौरान वडिंग ने कहा कि किसान अपनी अलग-अलग मांगों के समर्थन में पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. वडिंग ने कहा, ‘‘हमें किसानों के मुद्दों पर एक दिवसीय चर्चा करनी चाहिए. प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ व्यवहार के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार की निंदा करने का प्रस्ताव सदन में लाया जाना चाहिए.”
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