MP Elections 2023 Congress Attack CM Shivraj Singh Chouhan Pre Monsoon Rain Affected Road Ann
MP News: लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) की लॉन्चिंग के बाद से फील गुड महसूस कर बीजेपी (BJP) के लिए बारिश मुसीबत बन सकती है. बारिश के बाद ही मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में बारिश के चार महीने सड़क विहीन गांवों में यातनाओं भरा सफर करने वाले ग्रामीणों के जख्म हरे रहेंगे, इधर सडक़ की गुणवत्ता को लेकर कांग्रेस (Congress) अभी से बीजेपी की सरकार पर हमलावर है.
मध्य प्रदेश में अभी मानसून ने दस्तक नहीं दी है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस सप्ताह में मानसून दस्तक दे सकता है. हालांकि मानसून के पहले ही प्री मानूसन की बारिश ने पूरे मध्य प्रदेश को तरबतर कर दिया है. बिपरजॉय तूफान का असर भी मध्य प्रदेश में देखा जा रहा है. बीते दिनों से बारिश का दौर जारी है. कई जिलों में तीन से चार इंच तक बारिश हो चुकी है. प्री मानूसन की बारिश ने ही मध्य प्रदेश के कई जिले और गांवों की सड़कों को नुकसान पहुंचा दिया है, जबकि कई गांवों में सड़कों के अभाव में ग्रामीण अभी से यातनाओं भरा सफर तय करने के लिए विवश हो रहे हैं.
कांग्रेस ने की कार्रवाई मांग
इधर, बारिश की शुरुआत होते ही जर्जर सडक़ों को लेकर कांग्रेस भी हमलावर होने लगी है. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा कि मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में जामनी नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से बना पुल 50 फीसदी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गया है, चंद घंटों की प्री मानूसन बारिश में ही पुल धस गया और भारी भ्रष्टाचार की पोल खुल गई हे. मेरी सरकार से मांग है कि दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर, ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करें.
एफडीआर तकनीक भी नहीं आई काम
सीहोर विधानसभा क्षेत्र में श्यामपुर तक सडक़ का निर्माण किया जा रहा है. 24 किलोमीटर की इस सडक़ का निर्माण एफडीआर तकनीक से किया जा रहा है. इस तकनीक का प्रयोग मध्य प्रदेश में पहली बार हो रहा है. लेकिन विडम्बना यह है कि खराब गुणवत्ता की वजह से यह तकनीक भी काम नहीं आई. प्री-मानसून की बारिश में ही सडक़ अभी से धंसने लगी है. 24 किलोमीटर की सड़क का निर्माण 29 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है.
इन गांवों में भी हालात खराब
बता दें बीते वर्ष 2022 के जुलाई महीने की 16 तारीख को श्योपुर जिले के सुंडी गांव में बारिश ने काफी तबाही मचाई थी. पूरा गांव टापू में तब्दील हो गया था. ग्रामीण चारों तरफ से बारिश के पानी से फिर गए थे. ग्रामीणों का मेन रोड से संपर्क ही कट गया था. पार्वती नदी में आई बाढ़ की वजह से यह हालात बने थे. लगातार 17 घंटे तक ग्रामीण पानी से घिरे रहे थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की चारों ही विधानसभा क्षेत्रों में भी 50 से अधिक ऐसे गांव हैं जो बारिश के समय टापू में तब्दील हो जाते हैं. ग्रामीणों के लिए यह चौमासे किसी परेशानी से कम नहीं होते हैं.
वहीं, आष्टा विधानसभा क्षेत्र के बोरखेड़ा-रनायल जोड़ की करें तो यहां से पार्वती नदी गुजरी है. यहां एक पुलिया बनी है. यह पुलिया दो जिले सीहोर और शाजापुर को जोड़ती है, लेकिन पुलिस महज दो फीट ऊंची है, जरा सी बारिश में पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगता है. ग्रामीणों का सीहोर और शाजापुर जिले से संपर्क कट जाता है.
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