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Farooq Abdullah Gave A Blow To India Alliance, Son Omar Abdullah Gave Clarification – फारूक अब्दुल्ला ने दिया इंडिया गठबंधन को झटका, बेटे उमर अब्दुल्ला ने दी सफाई



उमर अब्दुल्ला का स्पष्टीकरण नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बयान के कुछ ही देर बाद आया है, जिन्होंने पत्रकारों से कहा था कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव और केंद्र शासित प्रदेश में संभावित विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.

फारूक अब्दुल्ला के साथ मौजूद उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा थे और अब भी हैं. बातों को दूसरे संदर्भ में लिया गया है. समूह का मुख्य विचार भाजपा को हराना है और दो नावों में सवार होने का कोई मतलब नहीं है.”

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की सामान्य इच्छा प्रकट की थी. पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”नेकां कार्यकर्ता सभी छह सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि कभी-कभी बड़े उद्देश्य के लिए छोटी-छोटी कुर्बानियां देनी पड़ती हैं. अगर बड़ा उद्देश्य भाजपा को हराना है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता करना जरूरी है. हमारे दरवाजे खुले हैं.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ अनौपचारिक बातचीत पहले से ही जारी है और आगे भी चर्चा की गुंजाइश है. उमर ने कहा, ‘…मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता बनी हुई है, भले ही गठबंधन के संस्थापक सदस्य दुर्भाग्य से पिछले कुछ हफ्तों में चले गए हैं. हम उनमें से नहीं हैं जो छोड़ देंगे. हम कांग्रेस के साथ अपनी चर्चा जारी रखेंगे और उम्मीद है कि जल्द ही कोई समझौता हो जाएगा.”

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में छह लोकसभा सीटें बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग, जम्मू, उधमपुर और लद्दाख हैं. इनमें से घाटी की तीन सीटें – बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग – नेकां के पास हैं. बाकी तीन भाजपा के पास हैं. उमर ने इन खबरों को ‘शरारती और मनगढ़ंत’ बताते हुए खारिज कर दिया कि फारूक अब्दुल्ला यह संकेत दे रहे थे कि नेकां राजग में शामिल होने के खिलाफ नहीं है.

उमर ने कहा, “…एक बार जब हम दोस्त बना लेते हैं, तो उस पर कायम रहते हैं…मैं यह स्पष्ट रूप कहना चाहूंगा कि राजग के लिए कोई दरवाजा, कोई खिड़की और यहां तक कि एक दरार भी खुली नहीं है.”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगले सप्ताह होने वाली जम्मू-कश्मीर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ”हमें यह भी पता चलेगा कि जम्मू-कश्मीर में कितना विकास हुआ है. प्रधानमंत्री को एक राष्ट्र, एक चुनाव के अपने सिद्धांत की शुरुआत जम्मू-कश्मीर से करनी चाहिए.”



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