Delhi Chalo March Gurnam Singh Charuni Tell Farmers Next Step Haryana Punjab
Farmer Protest: आंदोलनकारी किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे हुए हैं. बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनरों की दीवार लगाई गई है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय की किसान नेताओं की गुरुवार (15 फरवरी, 2024) चंडीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत हुई.
वहीं इस बीच चर्चा हो रही है कि आखिर किसानों का अगला प्लान क्या है? किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आगे की योजना बताई है. उन्होंने कहा, ”तीन फैसले लिए गए हैं. पहला ये कि हम कल यानी शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) हरियाणा में दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक टोल फ्री रखेंगे. परसों यानी शनिवार (17 फरवरी, 2024) को हर तहसील में दोपहर 12 बजे से ट्रैक्टर परेड होगी. फिर रविवार (18 फरवरी, 2024) को सभी किसान और मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठक होगी. इस बैठक में आगे के फैसले लिए जाएंगे.”
चढ़ूनी हरियाणा और पंजाब के किसानों पर असर रखते हैं. वो हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं, जो कि किसानों का बड़ा संगठन है. ऐसे में ज़ाहिर है कि उनकी बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों के तौर तरीकों से काफी नाराज दिखाए दिए.
#WATCH | On farmers’ protest, farmer leader Gurnam Singh Charuni says, ” Three decisions were taken today, first one is, we will keep Haryana toll free for 3 hours tomorrow, from 12pm-3pm…day after tomorrow, there will be a tractor parade in every Tehsil, from 12 pm…on 18th… pic.twitter.com/2Ye0NzMguE
— ANI (@ANI) February 15, 2024
मनोहर लाल खट्टर ने क्या कहा?
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के दिल्ली चलो के आह्वान पर कहा, ‘‘हमें उनके तरीके पर आपत्ति है. हमें उनके दिल्ली जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. ट्रेन, बस और उनके अपने वाहन हैं, लेकिन ट्रैक्टर परिवहन का कोई साधन नहीं है. यह एक कृषि उपकरण है. ’
कल रहेगा भारत बंद
संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन ने शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि वो किसान आंदोलन के साथ हैं.
किसानों की क्या मांग है?
प्रदर्शनकारी किसान की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग (Swaminathan Aayog) की सिफारिशों को लागू करने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय सहित अन्य मांग है. ’
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने ऐलान किया था कि किसान फसलों के एमएसपी की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली कूच करेंगे.