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Farmers Protest: अपनी मांग पर अड़े अन्नदाता​ओं ने फिर पकड़ी आंदोलन की राह, तीन केंद्रीय मंत्रियों ने की किसान नेताओं के साथ बैठक



<p style="text-align: justify;">लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर किसान आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. नोएडा के किसानों इस बार मुहिम की शुरुआत की है. अब इस आंदोलन में अपनी-अपनी मांगों को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसान भी शामिल हो गए हैं. पिछले दो दिनों से किसानों द्वारा हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब में सरकार की घेरेबंदी जारी है. हालांकि, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के किसानों ने सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त कर दिया है, लेकिन पंजाब-हरियाणा के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे मुद्दों पर अड़े हुए हैं. नोएडा के किसानों की कुछ मांगें भी अभी पूरे नहीं हुए हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">इस बीच दिल्ली-एनसीआर में किसानों के विरोध प्रदर्शन और हरियाणा-पंजाब के किसानों के उग्र रूप को देखते हुए तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ बैठक की है. ताकि उनकी समस्या का समाधान निकाला जा सके. किसानों के साथ बैठक में शामिल होने वाले केंद्रीय मंत्रियों में पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल थे. दूसरी तरफ किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने सहित अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च की योजना बनाई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के मुताबिक कई मुद्दों पर सरकार और किसान नेताओं के बीच सहमति बनी है. उम्मीद है कि जल्द ही एक और बैठक होगी.</p>
<p style="text-align: justify;">नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित पंजाब-हरियाणा के किसानों की मांग यह है कि उन्हें एमएसपी की गारंटी दी जाए, किसानों को पेंशन की सुविधा मिले और फसल बीमा दिया जाए. साल 2020 में हुए किसान प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों पर केस दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द किए जाएं. किसानों ने मांग की है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से लागू करे. लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पीड़ितों के साथ न्याय करे सरकार. नोएडा में प्रदर्शन करने वाले किसानों की मांग ये भी है कि आधारभूत ढांचे और अन्य प्रोजेक्ट के लिए स्थानीय विकास प्राधिकरणों के जरिए उनकी कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के बदले में बढ़ा हुआ मुआवजा और विकसित भूखंड दिया जाए.</p>



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