Umar Khalid Case Get here the timeline of Ex-JNU student bail hearings with details
Umar Khalid Case: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई टली है. उनके साथ ऐसा 2-4 या 6 बार नहीं बल्कि लगभग 4 साल में 14वीं बार हो चुका है. बुधवार (7 फरवरी, 2024) को टॉप कोर्ट ने जब उनकी बेल पीटिशन पर सुनवाई टाल दी.
उमर खालिद सितंबर, 2020 में अनलॉफुल एक्टिविटिज (प्रिवेंशन) एक्ट यानी कि यूएपीए के तहत गिफ्तार किए गए थे और यह मामला देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में तब (फरवरी में) भड़की सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा हुआ है. आइए, जानते हैं कि इस पूरे केस की टाइमलाइन की कब, क्या और किस वजह से हुआ:
- दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 14 सितंबर 2020 को जेएनयू के पूर्व छात्र को इस केस में ‘प्रमुख साजिशकर्ता’ के तौर पर अरेस्ट किया गया था. यूएपीए के अलावा उन पर तब राजद्रोह और आईपीसी के 18 अन्य सेक्शन्स (हत्या और हत्या के प्रयास भी शामिल) लगाए गए थे.
- अप्रैल 2021 में उमर खालिद को खुद के खिलाफ दर्ज केसों में से एक में दिल्ली के सेशंस कोर्ट से बेल मिली थी लेकिन अन्य एफआईआर में उन पर आरोप थे इसलिए उन्हें जमानत के बाद भी न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा था.
- 24 मार्च, 2022 को 8 महीने की सुनवाई के बाद दिल्ली के सेशंस कोर्ट ने पूर्व जेएनयू छात्र को बेल देने से साफ इनकार कर दिया था.
- 22 अप्रैल, 2022 को उमर खालिद ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और वहां पर सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.
- अदालत ने इसके बाद आदेश दिया था कि मामले पर 23 मई 2022 से लगातार सुनवाई होगी ताकि दिल्ली हाईकोर्ट के समर वैकेशन से पहले हिरयिंग पूरी हो सके.
- 4 जून 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट का समर ब्रेक (ग्रीष्मकालीन छुट्टियां) आ गया था जिसके चलते सुनवाई 4 जुलाई 2022 तक के लिए स्थगित हो गई थी.
- फिर 18 अक्टूबर, 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की बेल याचिका खारिज कर दी. अदालत ने पाया था कि वह अन्य आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में थे और शुरुआती तौर पर जो भी आरोप उनके खिलाफ थे, वे सही निकले. कोर्ट ने यह भी कहा था कि आरोपी ने जो कुछ भी किया वह शुरुआती तौर पर आतंकी गतिविधियां (यूएपीए के तहत) मानी गईं. उन्हें इसी वजह से 764 दिन के लिए जेल में रहना पड़ा.
- 18 नवंबर, 2022 को उमर खालिद ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट का रुख किया. बहन के निकाह में शरीक होने के लिए उन्होंने वहां दो हफ्ते के लिए अंतरिम बेल मांगी थी.
- 3 दिसंबर, 2022 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को पत्थरबाजी से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया मगर दिल्ली में हुए दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश को लेकर हिरासत में रखा.
- 12 दिसंबर 22 को उमर खालिद को अंतरिम बेल दी गई लेकिन उन्हें मीडिया से बातचीत करने के लिए साफ तौर पर मना कर दिया गया था.
- 23 दिसंबर 2022 को वह जेल से बाहर आए. कैद में 830 दिन रहने के बाद वह सिर्फ सात दिनों के लिए राहत पाए थे. यह रिलीफ 30 दिसंबर, 2022 तक के लिए थी.
- 6 अप्रैल, 2023 को उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ स्पेशल लीव पीटिशन दाखिल की.
- आगे 9 जून, 2023 को उन्होंने जेल में 1000 दिन पूरे किए. इस दौरान उमर खालिद के समर्थन में ढेर सारे स्टूडेंट्स, सिविल राइट एक्टिविस्ट्स और मीडिया वाले भी आए थे.
- फिर 12 जुलाई, 2023 को दिल्ली पुलिस ने तर्क तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा.
- उमर खालिद के वकील कपिल सिबल उपलब्ध नहीं थे. ऐसे में 24 जुलाई 2023 को हफ्ते भर के लिए सुनवाई लटक गई.
- 9 अगस्त, 2023 को जस्टिस पीके मिश्रा ने बिना किसी कारण के खुद को इस केस से अलग कर लिया था. यही वजह रही कि सुनवाई टल गई थी.
- 17 अगस्त, 2023 को उमर खालिद की बेल याचिका जस्टिस मिश्रा वाली बेंच के सामने लिस्ट की गई थी और ऐसा तब हुआ था जब उन्होंने खुद को मामले से अलग कर लिया था.
- 18 अगस्त, 2023 को उमर खालिद की बेल जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच के सामने आई थी. जजों ने तब कहा था कि इस मामले की सुनवाई गैर-विविध दिन (non-miscellaneous day) पर की जानी चाहिए.
- 5 सितंबर, 2023 को पूर्व जेएनयू छात्र के वकील सिबल फिर उपलब्ध नहीं थे. वह आर्टिकल 370 से जुड़े मसले को लेकर बिजी थे.
- 12 सितंबर, 2023 को सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित हो गई थी. कोर्ट का तब कहना था कि ‘विस्तृत सुनवाई’ की जरूरत है और यह दस्तावेज-दर-दस्तावेज होनी चाहिए. ऐसे में मामला पर एक महीने के लिए सुनवाई स्थगित हो गई थी.
- 12 अक्टूबर, 2023 को कोर्ट ने बेल याचिका पर सुनवाई के लिए समय की कमी का हवाला दिया था. ऐसा तब हुआ था जब कपिल सिबल ने कहा था- मैं 20 मिनट में यह दिखा सकता हूं कि उमर खालिद के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है.
- 29 नवंबर, 2023 को सीनियर वकील उपलब्ध नहीं थे. ऐसे में दोनों पक्षों की ओर से संयुक्त गुजारिश की गई थी.
- दिसंबर 2023 में उमर खालिद को जेल में 3 साल 3 महीने पूरे हुए.
- 10 जनवरी, 2024 को एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू उपलब्ध नहीं थे और प्रतिनिधि ने अतिरिक्त समय की मांग की थी. ऐसे में सुनवाई टल गई थी.
- 24 जनवरी, 2024 को मामला लंच ब्रेक के ऐन पहले दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर लिस्ट हुआ था. 1 बजे लंच के चलते कोर्ट में जजों की बेंच उठ गई थी और लंच के बाद उसे मामलों की सुनवाई करनी थी. उमर खालिद को उस दिन कैद में कुल 1227 दिन पूरे हुए.
- 31 जनवरी, 2024 को बेंच के पास ढेर सारे केस थे जिनमें कुछ मामले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े थे. ऐसे में अदालत ने कहा- हम 1 फरवरी को बेल याचिका पर सुनवाई करेंगे.
- 1 फरवरी, 2024 को जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस मित्तल की बेंच ने सुनवाई स्थगित कर दी थी और 7 फरवरी के लिए पीटिशन लिस्ट की थी.
- 7 फरवरी, 2024 को बताया गया कि जस्टिस त्रिवेदी हफ्ते भर के लिए संविधान पीठ में है. ऐसे में सुनवाई की अगली तारीख नहीं घोषित की जा सकती है.