Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai Said process of permit for coal transportation will now be online
Chhattisgarh Budget 2024: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने कोल परिवहन को लेकर बड़ी घोषणा की है. सीएम ने सदन में अब से खनिज विभाग में ऑनलाइन परिवहन परमिट जारी करने की घोषणा की है. बीजेपी विधायक राजेश मूणत (BJP MLA Rajesh Munat) ने कोयला परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति का मामला ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में उठाया था.
बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने बुधवार (7 फरवरी) को विधानसभा में कहा, “2020 से पहले खनिज विभाग ऑनलाइन परिवहन परमिट देता था. जब कांग्रेस की सरकार बनी तो ऑनलाइन सिस्टम बंद कर दिया गया और खनिज विभाग के अधिकारी ऑफलाइन परमिट देते थे. खनिज घोटाला देश में चर्चा का विषय बना था. ईडी ने कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया और कोल लेवी के नाम पर करोड़ों रुपये बरामद किये. इसके बाद ईडी ने भ्रष्ट अधिकारियों से पूछताछ की. जब ईडी ने राज्य सरकार को लिखा तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?”
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: BJP MLA Rajesh Munat says, “Before 2020, the mineral department used to give online transportation permits. When the Congress government was formed, the online system was closed and offline permits were given by the officials of the mineral… pic.twitter.com/79gn6GpTyK
— ANI (@ANI) February 7, 2024
सीएम ने क्या कहा?
इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पारदर्शिता और सुशासन को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए तात्कालिक संचालक की ओर से 15 जुलाई 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करने और अब से ऑनलाइन टीपी जारी करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री साय ने यह भी जानकारी दी कि खनिज विभाग की ओर से एक आदेश जारी हुआ था. संचालक की ओर से यह आदेश 15 जुलाई 2020 को जारी हुआ था, जिसमें यह व्यवस्था दी गई थी कि खनिज सम्मिलित द्वारा ई-परमिट का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही इस ट्रांजिट पास किया जा सकेगा.
इसके पहले जो ऑनलाइन प्रक्रिया थी, उसे बंद कर कर ऑफलाइन किया गया. इसके कारण परिवहन में भी लेट होता था और भ्रष्टाचार का भी समावेश हो गया था. सीएम ने आगे कहा कि खनिज विभाग के संचालक ने सरकार से अनुमोदन नहीं लिया था. हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पित है. मैं तात्कालिक संचालक की ओर से साल 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करता हूं.