Aam Aadmi Partys Sanjay Singh Could Not Take Oath In Rajya Sabha On Monday – आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सोमवार को नहीं ले पाए राज्यसभा में शपथ, जानें क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली:
दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह सोमवार को शपथ नहीं ले सके, क्योंकि यह सदन के कामकाज में सूचीबद्ध नहीं था. राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी. संजय सिंह कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. वह दिल्ली की एक अदालत से अनुमति के बाद शपथ लेने के लिए संसद आए थे.
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आम आदमी पार्टी ने कहा कि सिंह को शपथ लेने की अनुमति दी जानी चाहिए थी, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने उच्च सदन के 11 अगस्त के निर्देश का हवाला दिया कि मॉनसून सत्र के दौरान अनियंत्रित आचरण के लिए सिंह का निलंबन लागू रहेगा और वह तब तक कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते, जब तक कि विशेषाधिकार समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत न कर दे और सदन उस पर विचार न कर ले. उन्होंने कहा कि यह मामला सिंह के पिछले कार्यकाल से जुड़ा है, इसका इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
राज्यसभा सचिवालय के एक सूत्र ने कहा, “निर्वाचित हुए संजय सिंह को (शपथ ग्रहण के लिए) समन जारी नहीं किया गया था, क्योंकि उन्हें 11 अगस्त 2023 को पारित सदन के उन निर्देशों का सामना करना पड़ा, जिसके तहत उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब तक कि सदन विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पर निर्णय नहीं ले लेता.” सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा की कार्यवाही सूचीबद्ध कामकाज द्वारा नियंत्रित होती है, जिसे बुलेटिन में अधिसूचित किया जाता है.
एक अन्य सूत्र ने कहा, “संजय सिंह का शपथ ग्रहण सदन के कामकाज में सूचीबद्ध नहीं था और इस मामले पर राज्यसभा से कोई संदेश कभी भी राज्यसभा सभापति के विचार के लिए नहीं आया.” सूत्र ने कहा कि आप के कुछ सदस्यों ने सभापति से मुलाकात की और उन्हें लागू नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में ‘संकेत’ दिया गया.
एक कार्यक्रम में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, “जब वह चुने गए हैं, तो उन्हें शपथ लेनी चाहिए थी.” राजद सांसद मनोज झा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे मित्र संजय सिंह दूसरी बार सांसद चुने जाने के बाद और अदालत के निर्देशों के बावजूद आज शपथ लेने से वंचित रह गए. यह तथाकथित अमृत काल का नया संसदीय प्रतिमान है.”
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)